श्रद्धालुओं की संख्या कम होने के चलके मथुरा-वृंदावन के पुजारी, धर्माचार्य और दुकानदारों को भी अब बेरोजगारी का भय सताने लगा है। एक और श्रद्धालु दिल्ली निवासी मोनालिसा दास ने बताया कि वह पिछले 20 वर्षों से गोवर्धन आती हैं लेकिन ऐसा बिन मौसम बरसात का सूखा उन्होंने नहीं देखा। यह आंगन आस्था के पुजारियों से भरा रहता था, शायद मोदी के नोटबन्दी के ग्रहण ने ब्रजमंडल के मंदिरों का यह हाल कर दिया है कि लोग भगवान की चौखट पर भी जाने से कतरा रहे हैं।