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श्रीकृष्णजन्मभूमि से शाही मस्जिद ईदगाह को हटाने की याचिका मंजूर, सुनवाई 1 जुलाई को

locationमथुराPublished: May 19, 2022 05:13:15 pm

Submitted by:

Jyoti Singh

याचिकाकर्ता एडवोकेट रंजना अग्निहोत्री ने इस याचिका को सितम्बर 2020 में भगवान श्रीकृष्ण की सखी के तौर पर दाखिल किया था। तब सिविल कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था। बाद में इसी मामले में करीब डेढ़ साल से सुनवाई चल रही थी।

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मथुरा की जिला अदालत ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह मामले में श्रीकृष्ण विराजमान की रिवीजन याचिका स्वीकार कर ली है। अब इस मामले में अगली सुनवाई एक जुलाई को होगी। इसके पहले सिविल कोर्ट से याचिका खारिज हो गई थी। रिवीजन के तौर पर दायर इस याचिका पर पिछले करीब डेढ़ साल से सुनवाई चल रही थी। अब सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में मुकदमे का ट्रायल शुरू होगा। जनपद न्यायाधीश राजीव भारती के न्यायालय ने वादी रंजना अग्निहोत्री, हरिशंकर जैन, विष्णु शंकर जैन के वाद में दाखिल किए गए रिवीजन को स्वीकार करते हुए सिविल जज सीनियर डिवीजन के आदेश को निरस्त करते हुए कहा कि अब श्रीकृष्ण विराजमान वाद स्वीकार किया जाता है। वाद मथुरा जनपद के अधीनस्थ न्यायालय में चलेगा। इसके पहले सितम्बर 2020 में सिविल कोर्ट ने इस केस को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया था कि ये ‘राइट इश्यू’ नहीं है। यानी इस मामले में किसी को वाद करने का अधिकार नहीं है।
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याचिका में यह मांग

श्रीकृष्ण विराजमान की कुल 13.37 एकड़ जमीन में से करीब 11 एकड़ जमीन पर श्रीकृष्ण जन्मस्थान स्थापित है। जबकि शाही ईदगाह मस्जिद 2.37 एकड़ जमीन पर बनी है। इस 2.37 एकड़ जमीन को मुक्त कराकर श्रीकृष्ण जन्मस्थान में शामिल किया जाएग।
केशवदेव मंदिर की जमीन पर ईदगाह

याचिका में कहा गया है कि ईदगाह का निर्माण केशवदेव मंदिर की जमीन पर किया गया जो भगवान कृष्ण का जन्मस्थान है। इसलिए इसमें संस्थान को समझौता करने का अधिकार नहीं है। जमीन ठाकुर विराजमान केशव कटरा मंदिर के नाम से है।

रंजना अग्निहोत्री ने खुद को बताया श्रीकृष्ण की सखी
याचिकाकर्ता एडवोकेट रंजना अग्निहोत्री ने इस याचिका को सितम्बर 2020 में भगवान श्रीकृष्ण की सखी के तौर पर दाखिल किया था। तब सिविल कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था। बाद में इसी मामले में करीब डेढ़ साल से सुनवाई चल रही थी।
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यह है याचिकाकर्ता

एडवोकेट रंजना अग्निहोत्री, हरि शंकर जैन, विष्णु जैन सहित छह लोग याचिका में शामिल हैं।
यह हैं वाद में विपक्षी

इस वाद में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, ट्रस्ट मस्जिद ईदगाह, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट और श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान को विपक्षी बनाया गया है।

विवादित स्थल पर सीसीटीवी लगाने की मांग
इस याचिका के अलावा शाही ईदगाह का सर्वे एसआई द्वारा कराए जाने की मांग को लेकर मनीष यादव ने सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया है। याचिका में कहा गया है कि जिस ईदगाह में नमाज अदा की जाती है वह असली भगवान श्री कृष्ण का गर्भगृह है। प्रतिवादी पक्ष इस साक्ष्य को मिटा रहे हैं। अदालत ने इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 1 जुलाई तय की है। इससे पूर्व भी मथुरा की शाही ईदगाह में सर्वे, वीडियोग्राफी और सुरक्षा अधिकारी नियुक्त करने को लेकर याचिकाएं लगी हुई है। इन सभी मामलों पर न्यायालय ने 1 जुलाई को सुनवाई करेगा।
मामले में अब तक 10 वाद हो चुके हैं दायर

मथुरा श्री कृष्ण जन्मभूमि मालिकाना के मामले में अब तक 10 वाद दायर किए जा चुके हैं। मथुरा की अदालत में 25 सितंबर 2020 को श्रीकृष्ण विराजमान वाद दायर किया गया था। इस वाद में अब तक 20 महीने में 19 बार सुनवाई हो सकी है।
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