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बजट 2018: सरकार ने मध्यम वर्ग की उम्मीदों पर पानी फेरा, टैक्स दरों में कोई राहत नहीं

बजट 2018 में मध्यमवर्ग को कोई राहत नहीं दी गई है। इससे मध्यमवर्गीय लोग खासे नाराज नजर आए।

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मथुरा। आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए उम्मीद की जा रही थी कि आम बजट में मध्यमवर्गीय लोगों का विशेष खयाल रखा जाएगा। मध्यम वर्ग के लोग सरकार का अंतिम पूर्ण बजट होने के चलते अपने लिए टैक्स स्लैब में छूट की उम्मीद कर रहे थे। वर्तमान में ढाई लाख रुपये तक की सालाना आय करमुक्त है। इससे अधिक आय पर टैक्स देने का नियम है।

लोगों को उम्मीद थी कि सरकार टैक्स छूट की सीमा ढाई लाख से बढ़ाकर तीन लाख तक कर सकती है। लेकिन टैक्स स्लैब में कोई परिवर्तन न करके सरकार ने मध्यमवर्गीय लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। मथुरा में मध्यमवर्गीय लोग सरकार के बजट से खासे निराश नजर आ रहे हैं।

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महंगाई की मार में पिसता है मध्यम वर्ग
इस बारे में राहुल रायजादा का कहना है कि सरकार महंगाई लगातार बढ़ाती जा रही है । महंगाई में सबसे ज्यादा मध्यमवर्गीय लोग फंसते हैं क्योंकि न तो वे गरीबों वाली राहत योजना का लाभ ले पाते हैं और न ही अमीरों वाली जिंदगी जी पाते हैं। इस बार उम्मीद थी कि लोकसभा चुनाव के चलते सरकार मध्यम वर्ग को कुछ राहत जरूर देगी, लेकिन सरकार ने हमें पूरी तरह निराश कर दिया।

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लोकसभा चुनावों में भुगतना पड़ सकता है खामियाजा

आनंद तिवारी इस बारे में कहते हैं कि बजट में सरकार ने किसान, गरीब, युवा, महिलाओं, उद्यमी सबका खयाल रखा, सिर्फ मध्यम वर्ग को छोड़ दिया । जब मध्यमवर्ग भी लगातार महंगाई की मार झेल रहा है। मध्यम वर्ग सरकार के बजट से बहुत निराश हुआ है । सरकार ने चुनावों के लिए बहुत बड़ा जोखिम उठा लिया है, इसका खामियाजा उन्हें 2019 में भुगतना पड़ सकता है।


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