वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर जाने के लिए श्रद्धालुओं को संकरी गलियों से होकर गुजरना पड़ता है। हालांकि यहां कॉरिडोर बनाने की मांग काफी समय पहले से की जा रही है। वहीं अब प्रशासन से इस दिशा में काम शुरू कर दिया है।
जन्माष्टमी पर वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में हुए हादसे के बाद से एक बार फिर वहां कॉरिडोर बनाने की चर्चा तेज हो गई है। कहा जा रहा है कि वाराणसी के काशी की तर्ज पर ही बांके बिहारी मंदिर में कॉरिडोर बनाने की योजना पर काम शुरू होगा। इस बात की पुष्टि खुद सांसद हेमामालिनी ने की है। उन्होंने कहा कि कॉरिडोर बनाने को लेकर सभी की सहमति के बाद इस योजना को अमल में लाया जाएगा।
मंदिर के लिए कॉरिडोर बनना बहुत जरूरी
दरअसल वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर जाने के लिए श्रद्धालुओं को संकरी गलियों से होकर गुजरना पड़ता है। हालांकि यहां कॉरिडोर बनाने की मांग काफी समय पहले से की जा रही है। वहीं अब प्रशासन से इस दिशा में काम शुरू कराएगा। दरअसल अधिकारी योजना पर काम चलने की बात स्वीकार करते हैं लेकिन विरोध के डर से खुलकर कहने से बचते हैं। हालांकि कुछ का कहना है कि बांके बिहारी मंदिर के लिए कॉरिडोर बनना बहुत जरूरी है। जब तक मंदिर के बाहर का इलाका नहीं बढ़ेगा, समस्या अनवरत रहेगी।
पीएम और सीएम से मिला सकारात्मक जवाब
कॉरिडोर बनने से मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बाहर जगह होगी तो मंदिर के अंदर भी भीड़ नहीं बढ़ेगी। बांके बिहारी मंदिर के चारों ओर चौड़ीकरण की योजना पर काम चल रहा है। इस योजना को जब ऊपरी स्तर पर पूरी तरह स्वीकृति मिल जाएगी, तभी खुलासा किया जाएगा। उधर, सांसद हेमामालिनी ने भी योजना पर अमल को स्वीकारा है। उन्होंने कहा कि इस बारे में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री दोनों से बात की है। दोनों की ओर से इस योजना पर सकारात्मक जवाब मिला है। हालांकि योजना में मंदिर के आसपास रह रहे लोगों और गोस्वामियों की सहमति जरूरी है।