
मथुरा एआरटीओ कार्यालय में भ्रष्टाचार का बोलबाला, मुर्दों के बना दिए ड्राइविंग लाइसेंस
मथुरा। एआरटीओ कार्यालय में भ्रष्टाचार व्याप्त है। यहां मरे हुए व्यक्तियों के ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए जा रहे हैं।यह बात मीडिया में आई तो एआरटीओ महोदया जांच की बात कहतीं नजर आईं हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले भी यहां से आतंकी आमिर अजमल कसाब का ड्राइविंग लाइसेंस जारी हुआ था।
आतंकी आमिर अजमल कसाब का ड्राइविंग लाइसेंस
मथुरा का एआरटीओ कार्यालय इन दिनों रिश्वतखोरी की भेंट चढ़ा हुआ है और आए दिन कोई न कोई मामला यहां सामने आता है। एआरटीओ कार्यालय में तैनात सभी कर्मचारी जमकर मलाई बंटोर रहे हैं यहां तैनात कर्मचारी जिंदा लोगों का नहीं बल्कि मरे हुए लोगों का भी ड्राइविंग लाइसेंस बना रहे हैं। जब मरे हुए व्यक्तियों के बने ड्राइविंग लाइसेंस का खुलासा हुआ तो पूरे विभाग में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में जांच बैठा दी गई। बता दें कि आतंकी आमिर अजमल कसाब का ड्राइविंग लाइसेंस भी मथुरा में बनाया गया था तमाम फर्जी लाइसेंस के लिए मथुरा का आरटीओ कार्यालय चर्चा में बना रहता है। अब एक बार फिर 26 नवंबर 2017 को सड़क दुर्घटना में मर चुके वीरेंद्र निवासी मसानी नौगांव छाता का लाइसेंस बना दिया गया है। 19 अप्रैल 2018 को वीरेंद्र का लाइसेंस एआरटीओ कार्यालय से जारी किया गया अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि यह लाइसेंस किसने बनवाया। वहीं दूसरा लाइसेंस जारी किया गया चेतराम जादौन निवासी आशा नगर कॉलोनी मथुरा का।
सफाई देते नजर आयीं एआरटीओ
एआरटीओ विभाग से मृत व्यक्तियों के जारी किए गए ड्राइविंग लाइसेंस के बारे में जब आरटीओ प्रशासन बबीता वर्मा से बात की गई तो वह सफाई देते हुए कहती हैं कि यह मेरे संज्ञान में नहीं था और मुझे मीडिया के जरिए पता चला है। फर्जी लाइसेंस पर रोक लगाने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया चालू की गई है। यह संभव नहीं है कि किसी मृत व्यक्ति का लाइसेंस जारी हो जाए क्योंकि प्रक्रिया के तहत जो भी आवेदनकर्ता अपना लाइसेंस बनवाता है तो कंप्यूटर के कैमरे के सामने उसे अपना डिजिटल फोटो करवाना होता है, साइन करवाना होता है । जिस बाबू ने यह काम किया है उसके खिलाफ कार्रवाई करूंगी और उसकी पत्रावली मंगाकर चेक करूंगी उसमें क्या-क्या कागज लगे हुए हैं।
Published on:
02 Jun 2018 06:14 pm
बड़ी खबरें
View Allमथुरा
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
