
Prem Mandir
मथुरा। मथुरा और वृंदावन पूरी दुनिया में बांके बिहारी मंदिर और कृष्ण लीलाओं के लिए प्रचलित है। दूर दूर से तमाम भक्त यहां आकर बांके बिहारी, श्रीकृष्ण जन्मभूमि, समेत तमाम धार्मिक स्थलों में भगवान कृष्ण और राधारानी का आशीर्वाद लेते हैं। अगर आप भी मथुरा वृंदावन घूमने के लिए आने की तैयारी कर रहे हैं तो यहां का प्रेम मंदिर देखना न भूलें। प्रेम मंदिर बांके बिहारी से करीब दो से तीन किलोमीटर की दूरी पर बना है और अपनी भव्यता व नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है। अगर आपने वृंदावन आकर भी ये मंदिर नहीं देखा तो समझिए कि आपने कुछ नहीं देखा। आइए आपको बताते हैं प्रेम मंदिर से जुड़ी दस अहम बातें।
1. 100—150 करोड़ की लागत से बना
प्रेम मंदिर को कृपालु जी महाराज ने बनवाया था। इस मंदिर का निर्माण 54 एकड़ जमीन में किया गया है। बताया जाता है कि इस मंदिर के निर्माण में करीब 100 से 150 करोड़ रुपए की धनराशि खर्च हुई थी।
2. ग्यारह वर्षों में बनकर तैयार हुआ
प्रेम मंदिर को बनने में करीब 11 वर्षों का समय लगा था। वर्ष 2000 में प्रेम मंदिर का शिलान्यास हुआ था। 14 फरवरी 2001 में कृपालु जी महाराज ने इस मंदिर के निर्माण की पहली ईंट रखी थी। फरवरी 2012 में ये बनकर तैयार हो गया और इसे जनमानस के लिए खोल दिया गया।
3. इटैलियन संगमरमर का प्रयोग
ये पूरा मंदिर सफेद पत्थरों से बना है। इसे बनाने के लिए इटैलियन संगमरमर का प्रयोग किया गया है। मंदिर की दीवारों पर सफेद संगमरमर से चमचमाती बारीक नक्काशी इसकी भव्यता में चार चांद लगाती है।
4. राजस्थानी शिल्पकारी की झलक
प्रेम मंदिर का निर्माण 1000 मजदूरों ने मिलकर किया है। इसके निर्माण के लिए उत्तर प्रदेश के तमाम शहरों के अलावा राजस्थान से भी कारीगर बुलाए गए थे। जैसे ही आप मंदिर परिसर में प्रवेश करेंगे, आपको दीवारों में राजस्थानी शिल्पकारी की झलक दिख जाएगी।
5. झांकियां हैं आकर्षण
मंदिर परिसर में भगवान की लीलाओं का झांकियों के माध्यम से वर्णन किया गया है। ये झांकियां अपनी खूबसूरती से लोगों का मन मोह लेती हैं। कालिया नाग पर विजय, गोपियों के साथ भगवान कृष्ण की रास लीला, गोवर्धन पर्वत को उंगली पर उठाए कान्हा और सभी ब्रजवासियों की मूर्तियां ऐसी प्रतीत होती हैं, जैसे थोड़ी ही देर में सजीव होकर कुछ बोल पड़ेंगी।
6. नीचे राधा कृष्ण और ऊपर सीता राम
मंदिर के ग्राउंड फ्लोर पर भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी का मंदिर है। वहीं पहली मंजिल पर सीता राम का मंदिर बना है। ऊपर ही कृपालु जी महाराज की भी प्रतिमा लगी है जिसे देखने पर लगता है मानो साक्षात कृपालु जी महाराज विद्यमान हैं।
7. मंदिर में हैं 94 कलामंडित स्तंभ
प्रेम मंदिर 125 फीट ऊंचा, 122 फीट लंबा और 115 फीट चौड़ा है। पूरे मंदिर में 94 कलामंडित स्तंभ हैं। इसमें किंकिरी और मंजरी सखियों के विग्रह दर्शाए गए हैं। मंदिर के आगे खूबसूरत बगीचे लगाए गए हैं।
8. प्रांगण में ही है परिधि मार्ग
मंदिर के प्रांगण में परिधि मार्ग का भी निर्माण किया गया है। इसके अलावा मंदिर परिसर में राधा कृष्णा के 48 पैनल लगाये गये हैं। सभी पैनल को श्रीमद् भगवत गीता से लिया गया है। प्रेम मंदिर के बाजू में ही एक 73,000 वर्ग फीट के पिल्लर का निर्माण भी किया गया है, जहां एक साथ-एक ही समय 25,000 लोग जमा हो सकते है।
9. आठ फीट है गर्भागृह की दीवार की मोटाई
मंदिर की दीवारों का निर्माण 3.25 फीट मोटी कठोर इटालियन मार्बल से किया गया है। साथ ही गरभा-गृह के दीवार की मोटाई 8 फीट है, जिसने पूरे शिखर, स्वर्ण कलश और ध्वज के वजन को संभाल रखा है।
10. रात में कई गुना बढ़ जाती भव्यता
प्रेम मंदिर की भव्यता रात में कई गुना अधिक बढ़ जाती है। रात में मंदिर की लाइटिंग कई रंग बदलती है। वहीं झांकियां भी एक्शन करती हुई नजर आती हैं। पूरा परिसर जगमगा उठता है। हर रोज शाम को करीब आधे घंटे का यहां फाउंटेन शो भी होता है।
Updated on:
09 Aug 2019 01:01 pm
Published on:
09 Aug 2019 01:00 pm
बड़ी खबरें
View Allमथुरा
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
