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कान्हा के होने के आज भी साक्ष्य मौजूद, इस वट वृक्ष से आती हैं कई तरह की आवाजें

इस वृक्ष पर कृष्ण भगवान चढ़कर बांसुरी बजाते थे तो इस पेड़ में दिव्य ऊर्जा उत्पन्न हुई और उसी की वजह से इससे आज भी बांसुरी की वही मधुर तान सुनाई देती है।  

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मथुरा

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Neeraj Patel

Jun 15, 2020

कान्हा के होने के आज भी साक्ष्य मौजूद, इस वट वृक्ष से आती हैं कई तरह की आवाजें

कान्हा के होने के आज भी साक्ष्य मौजूद, इस वट वृक्ष से आती हैं कई तरह की आवाजें

मथुरा. बृज के कण कण में भगवान कृष्ण का वास है और ये भूमि कृष्ण की उन लीलाओं की साक्षी है। तभी तो हम जो आपको बताने जा रहे है भगवान के होने के प्रमाण की वो लीला जिसे सुनने के बाद शायद आपको इस बात पर यकीन न हो कि क्या भला पेड़ो से भी बांसुरी या ढोलक की आवाज सुनाई दे सकती है। लेकिन ये बिल्कुल सच है। मथुरा से करीब 45 किलोमीटर दूर स्थित मांट इलाके में बंसीवट में जहां भगवान कृष्ण अपनी गाय चराने जाते थे और गाय को बुलाने के लिए एक पेड़ पर बैठ कर बांसुरी बजाते थे और कान्हा की बांसुरी की धुन सुनकर गाय यहां आ जाया करती थी। ये पेड़ देखने में आम पेड़ो की तरह है लेकिन जब इस पेड़ से कान लगा कर ध्यान से सुना जाता है तो इसमें से तरह तरह की आवाजें सुनाई देती है । माना जाता है कि इस वृक्ष पर कृष्ण भगवान चढ़कर बांसुरी बजाते थे तो इस पेड़ में दिव्य ऊर्जा उत्पन्न हुई और उसी की वजह से इससे आज भी बांसुरी की वही मधुर तान सुनाई देती है।

वर्षों की अभिलाषा हुई पूरी

मध्य प्रदेश से दर्शन करने आए हरिदास नाम के श्रद्धालु ने बताया कि हमने बहुत सुना था कि इस वट वृक्ष में से आवाज आती है। मन में बहुत दिन से यह अभिलाषा थी कि उस बट वृक्ष को देखा जाए जिस वटवृक्ष में से बंसी और ढोलक की आवाज आती है। आज सौभाग्य मिला इस वटवृक्ष के दर्शन का। इस बट वृक्ष में से राधे राधे की आवाज आती है यह भगवान की लीला है यहां आकर ऐसा लग रहा है जिंदगी यही विता दूं। जो कभी कल्पना नहीं की गई कि ऐसा आनंद यहां आने पर मिलेगा।

पहले कभी नहीं सुना पेड़ से आवाज आने के बारे में

श्रद्धालु भगवान दास ने बंसीवट के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह वह स्थान है जहां भगवान श्री कृष्ण ने बाल अवस्था में गायों को चराया और इसी वटवृक्ष के ऊपर बैठकर बंसी बजाई। वट वृक्ष से कान लगाकर खड़े हो जाओ आपको इसमें से आवाज सुनाई देंगी। पेड़ में से आवाज आना पहले कभी नहीं सुना जब हम बंसीवट आए तो यहां देखा के पेड़ में से आवाज आ रही है।

ऊर्जा मापक यंत्र भी दे चुके है प्रमाण

बंशीवट के महंत जय राम दास ने बताया कि कई बार इस वट वृक्ष की मशीनों के द्वारा जांच कराई गई है। ऊर्जा मापक यंत्रों ने भी इस वट वृक्ष में आज भी वो ऊर्जा है जिसके कारण आवाज आती है। ये कहना बिलकुल भी संकोच नहीं होता है की भगवान आज भी इस पेड़ में है।