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वृंदावन की कुंज गलियों में घूम रहा था ‘अफसर’, लोगों ने बुला ली पुलिस, ID कार्ड देखते ही उड़े होश

वृंदावन में 'फर्जी सीओ' का खेल! पुलिस की वर्दी में घूम रहा शख्स लोगों से पैसे ऐंठ रहा था। लोगों के शक पर पुलिस ने उसे रंगे हाथों दबोचा, पुलिस की वर्दी और सीबीआई का फर्जी आईडी कार्ड बरामद। पश्चिम बंगाल का रहने वाला सिद्धार्थ चक्रवर्ती पहले भी जेल जा चुका है।

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मथुरा में पकड़ा गया फर्जी सीओ, PC- एक्स।

मथुरा: वृंदावन की गलियों में घूमते एक 'अफसर' को देखकर लोगों को शक हुआ और उन्होंने पुलिस बुला ली। जब पुलिस ने उसकी आईडी चेक की, तो उनके होश उड़ गए। यह शख्स एक फर्जी सीओ निकला, जिसे गुरुवार रात वृंदावन के केशीघाट क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया।

यह 'फर्जी सीओ' पिछले दस दिनों से पुलिस की वर्दी पहनकर शराब के ठेकों और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में घूम रहा था। वह लोगों पर रौब झाड़कर पैसे ऐंठता था। पुलिस ने उसके पास से पुलिस की वर्दी के साथ-साथ सीबीआई का एक पहचान पत्र भी बरामद किया है। उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

कैसे शुरू हुआ 'अफसरी' का खेल?

पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के चंदन नगर कॉलोनी का रहने वाला 32 वर्षीय सिद्धार्थ चक्रवर्ती 5 जुलाई को मथुरा आया था। मथुरा-वृंदावन घूमने के बाद, 16 जुलाई को उसने पुलिस की वर्दी सिलवाई। इसके बाद वह शराब के ठेकों और भीड़ वाली जगहों पर खुद को पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) बताकर लोगों पर धौंस जमाने लगा।

गुरुवार रात सिद्धार्थ वर्दी पहनकर केशीघाट पर था और दुकानदारों को धमका रहा था। किसी ने पुलिस को खबर कर दी। थाना पुलिस मौके पर पहुंची और उसे हिरासत में लेकर थाने ले आई।

पूछताछ में खुला राज

सख्ती से पूछताछ करने पर सिद्धार्थ ने बताया कि वह 5 जुलाई को अपने पश्चिम बंगाल स्थित घर से मथुरा आया था। उसने सीओ की वर्दी सिलवाकर शराब के ठेकों के पास लोगों पर रौब जमाकर पैसे और खाने-पीने का सामान लिया था। उसने तीन दिन पहले छटीकरा स्थित एक शराब की दुकान से एक बोतल शराब भी ली थी। सिद्धार्थ शादीशुदा है और उसकी पत्नी और दो बच्चे हुगली के चंदन नगर कॉलोनी में रहते हैं। उसने स्नातक तक की पढ़ाई की है।

पहले भी जा चुका जेल

कोतवाली प्रभारी प्रशांत कपिल ने बताया कि जब सिद्धार्थ का आपराधिक रिकॉर्ड खंगाला गया, तो पता चला कि वह जिस कॉलोनी में रहता था, वहीं पुलिस की वर्दी पहनकर घूमता था। चंदन नगर थाने की पुलिस ने 9 सितंबर 2021 को उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा था। वह 25 अक्टूबर 2021 को जेल से बाहर आया था। उन्होंने बताया कि फर्जी सीओ बनकर घूम रहे सिद्धार्थ के पास से पुलिस की वर्दी और सीबीआई का फर्जी पहचान पत्र भी मिला है। उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जा रही है।