मथुरा। पिछले कुछ दिनों से मौसम में अचानक बदलाव आ गया है। भारी कोहरे के साथ सर्दी बढ़ गयी है। कोहरे और पाले का सीधा असर आलू की फसल को पहुंचा है। आलू की फसल का नुकसान होने से किसान काफी परेशान हो रहा है।
इस बारे में किसान मथुरा दास का कहना है कि बढ़ती ठंड से आलू को बहुत नुकसान हुआ है। सब आलू बेकार हो चुके हैं। यदि फिर से आलू का मूल्य नहीं मिला तो किसान हर बार की तरह आत्महत्या करने को मजबूर होंगे। उनका कहना है कि किसानों को आलू कम से कम 1800 रुपए कुंतल का मूल्य तो मिलना ही चाहिए।
वहीं एक अन्य किसान मान सिंह चौधरी का कहना है कि अधिक ठंड से आलू में झुलसा रोग आने की आशंका होती है। पत्ते की सिकुड़न दूर करने के लिए दवा का खर्च बढ़ जाता है।साथ ही इससे पैदावार प्रभावित होती है। उनका कहना है कि 2014 में आलू 1200 रुपए कट्टा के हिसाब से बिका था, तब से लगातार मूल्य गिरता आ रहा है। अब देखना है कि सरकार क्या करती है। अगर इस बार भी ऐसा ही हाल रहा तो आलू तो फिंकेगा ही, साथ ही किसान आत्महत्या के लिए मजबूर होगा।