
guru
मथुरा। वृंदावन के ढाई साल के गुरु उपाध्याय देखने में तो सामान्य बच्चों जैसे ही हैं, लेकिन बौद्धिक क्षमता में उन्होंने बड़ों बड़ों को भी पीछे कर दिया है। गुरु जितनी अच्छी हिंदी जानते हैं, उतनी ही अच्छी अंग्रेजी भी समझते हैं। देश और दुनिया का नक्शा उनके दिमाग में कैद है। दुनियाभर के तमाम देशों और नदियों की जानकारी वे पलभर में दे देते हैं। यहां तक कि सिविल की तैयारी कर रहे उनके माता पिता जब आपस में सवाल जवाब करते हैं तो उनके जवाब से पहले गुरु जवाब दे देते हैं। गुरु की इन क्षमताओं ने उन्हें महज दो साल की उम्र में ही गूगल गुरु के नाम से विख्यात कर दिया।
अमेजिंग मेमोरी किड के खिताब से हुए सम्मानित
गूगल गुरु की इन क्षमताओं को देखते हुए इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने गुरु उपाध्याय को भोपाल में पांच देशों के बीच अमेजिंग मेमोरी किड के खिताब से सम्मानित किया है। ढाई वर्ष के गुरु उपाध्याय को उन 100 रिकॉर्ड होल्डरों के साथ सम्मान पाने का मौका मिला जिनका चयन 13 हजार से अधिक रिकॉर्ड धारकों में से किया गया था।
गुरु का जन्म 14 जुलाई 2016 को वृंदावन में हुआ था। उनकी मां प्रिया उपाध्याय और पिता अरविंद उपाध्याय का कहना है कि गुरु हर बात को गंभीरता से सुनते हैं, फिर जवाब देते हैं। उन्हें हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाएं समझ में आती हैं। गुरु ने दिसंबर 2018 में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया था, उन्हें विभिन्न देशों के झंडे, राजधानियां, नक्शे पर राज्य व देश के अलावा विभिन्न परीक्षा संबंधी सवालों का बखूबी जवाब देकर अपनी पहचान बनाई थी। इसके अलावा गुरु का नाम ग्लोबल रिकॉर्ड एंड रिसर्च फाउंडेशन के तहत भी चिल्ड्रन वर्ल्ड रिकॉर्ड भी में भी दर्ज किया जा चुका है। इस अवॉर्ड के लिए उन्होंने एक मिनट में 45 देशों की राजधानी व 17 देशों के झंडे पहचानकर बड़ों बड़ों को हैरान कर दिया था।
Published on:
28 Mar 2019 01:57 pm
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