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सरकार ने Mobile Addiction को माना बीमारी, District Hospital में मिलेगा इलाज

-बच्चों को Mobile की लत से कराया जाएगा मुक्त- मथुरा समेत यूपी भर में इस नशे से मुक्ति दिलाने को कहा-Suicide की रोकथाम के उपाय भी बताए जाएंगे

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मथुरा। सरकार ने मोबाइल की बेजा लत (Mobile Addiction) को अब बीमारी (disease) की श्रेणी में शुमार कर लिया है। इसके इलाज का बाकायदा प्रबंधन किया जा रहा है। दयानंद सरस्वती जिला अस्पताल (District Hospital Mathura) में हाल ही में खोले गए मानसिक बीमार लोगों के इलाज वाले कक्ष में अब बच्चों को मोबाइल के नशे से मुक्त कराया जाएगा। महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने हाल ही में सीएमओ को लिखे पत्र में कहा कि आत्महत्या (Suicide) की रोकथाम, मोबाइल नशा मुक्ति इत्यादि नवीन मनोविकारों की रोकथाम हेतु बच्चों को परामर्श एवं औषधियां उपलब्ध कराई जायें।

मोबाइल छीनने पर आक्रामक हो रहे बच्चे
मुख्य चिकित्साधिकारी (Chief medical officer) डॉक्टर शेर सिंह ने जिला अस्पताल (District Hospital Mathura) के सीएमएस (CMS) से कहा कि इसकी व्यवस्था की जाए। मोबाइल का अधिक प्रयोग करते-करते आजकल युवा, वयस्क सहित प्रत्येक आयु वर्ग में एक नवीन रोग ने जन्म लिया है। मोबाइल का प्रयोग लोगों द्वारा इस हद तक किया जा रहा है कि उनकी आंखें भी शुष्क हो जा रही हैं। यदि बच्चों से मोबाइल ले लिया जाये या उन्हें मोबाइल प्रयोग करने से मना किया जाये तो वे आक्रामक हो रहे हैं। ऐसा भी देखा गया है कि परीक्षाओं में कम अंक लाने, अनुत्तीर्ण होने, मोबाइल गेम्स खेलने एवं अन्य कारणों से लोगों में आत्महत्या की प्रवृत्ति भी बढ़ रही है। ऐसे प्रकरणों को काउंसलिंग एवं आवश्यकतानुसार औषधियों द्वारा प्रथम चरण में ही उपचारित किया जा सकता है, जिससे बहुमूल्य मानव जीवन को बचाया जा सकता है।

अवसाद के शिकार लोगों को मिलेगा निःशुल्क परामर्श
मुख्य चिकित्साधिकारी ने स्वास्थ्य निदेशक के पत्र को संज्ञान में लेते हुये बहुत जल्द ही बच्चों को मोबाइल नशा मुक्ति हेतु मन-कक्ष से राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत मोबाइल नशा मुक्ति अभियान चलाने का निर्णय लिया है। साथ ही आत्महत्या की रोक-थाम हेतु निःशुल्क परामर्श दिया जाएगा।

क्या है मोबाइल का नशा
मोबाइल का नशा शराब और ड्रग्स वाले नशे से भी बड़ा है। इसकी वजह से बच्चों में नींद न आना, भूख की कमी, दिमाग पर बुरा असर और आंख खराब होने जैसी समस्यायें उत्पन्न होने लगती हैं। किसी व्यक्ति में इस लत के आने से पहले तक मोबाइल के किरदार को देखें, तो ये एक ऐसा माध्यम था जिसने जीवन को बिल्कुल ही सरल बना दिया था। किसी से बात करनी हो या कोई सन्देश भेजना है तो यह काम झट से हो जाता है। लेकिन अब इसकी अति लोगों को बीमार बना रही है।