
श्रीकृष्ण जन्मभूमि स्थल और उससे सटी हुई शाही ईदगाह मस्जिद पर मालिकाना हक को लेकर उपजे विवाद पर सिविल कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने सभी पक्षों को इस मामले में याचिका पर जल्द जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। वहीं कोर्ट में सुनवाई के बीच हिंदू महासभा के कोषाध्यन ने मथुरा की अदालत में एक याचिका दाखिल की है। इस याचिका में हिंदू महासभा के कोषाध्यक्ष की तरफ से मंदिर से सटे शाही ईदगाह मस्जिद पर लगे लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की है। साथ ही कोर्ट में मस्जिद मामले में सर्वे कमिश्नर सिविल कोर्ट द्वारा जारी न करने को लेकर रिवीजन दाखिल हुआ। जिसके तहत गर्मी की छुट्टियों के पहले सर्वे कराने की मांग की गई।
कोर्ट ने मानी थी मंदिर पर मस्जिद होने की बात
गौरतलब है कि सिविल जज सीनियर डिविजन ज्योति सिंह ने सर्वे कमिश्नर जारी करने के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की 1 जुलाई की तारीख दी थी। वादी राजेंद्र माहेश्वरी एडवोकेट और सौरभ गौड ने रिवीजन दाखिल किया। बता दें कि हाल ही में कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद पर सुनवाई के लिए कोर्ट तैयार हो गया था। याचिका में कहा गया था कि शाही ईदगाह मस्जिद कृष्ण जन्मभूमि के ऊपर बनी है, इसलिए उसे हटाया जाना चाहिए।
आज होनी थी सुनवाई
बता दें कि कृष्ण जन्मभूमि के 13.37 एकड़ भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट की वकील रंजना अग्निहोत्री ने याचिका दाखिल की थी। याचिका में शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग की गई थी। साथ ही विवादित भूमि श्रीकृष्ण जन्मभूमि न्यास को सौंपने की मांग की गई थी। जिसपर आज सिविल कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान हिंदू पक्ष के वकील ने कहा है कि हमने कोर्ट में अपने दावे को रखा है। कोर्ट ने इस बाबत मामले की आगे सुनवाई करने की बात कही है। साथ ही सभी याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया गया है कि वे तुरंत इस मामले में अपना जवाब दाखिल करें। उन्होंने कहा कि हम सब यही चाहते हैं कि जल्द से जल्द यह मुद्दा निपटे, चाहे फैसला कुछ भी आए।
ठाकुर जी की संपत्ति पर किसी का अधिकार नहीं
हिंदू पक्ष के वकील ने प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट पर बात करते हुए कहा कि हम अवैध समझौते को चुनौती दे रहे हैं। प्रॉपर्टी का ऑनरशिप हमारा है। हमने किसी मंदिर मस्जिद या धार्मिक स्थल को चुनौती नहीं दी है। उन्होंने कहा कि ठाकुर जी की संपत्ति को देने का अधिकार किसी को भी नहीं है।
मुस्लिम पक्ष की दलील
उधर, शाही ईदगाह मस्जिद से जुड़े मामले पर मुस्लिम पक्ष के वकील ने कहा है कि 1968 के पुराने समझौते पर मंदिर ट्रस्ट ने कभी आपत्ति नहीं जताई है और इस मामले पर बाहरी लोग याचिका दायर कर रहे हैं। शाही ईदगाह ट्रस्ट के एडवोकेट तनवीर अहमद ने कहा है कि यह बेहद अजीब है कि कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट और संस्थान ने अब तक इस मामले पर कोई स्टैंड नहीं लिया है, जबकि हिंदू याचिकाकर्ताओं ने उनको पार्टी बनाया हुआ है।
ये हैं याचिकाकर्ता
मामले में सुप्रीम कोर्ट के वकील हरिशंकर जैन, विष्णुशंकर जैन, रंजना अग्निहोत्री आदि ने खुद को भगवान श्रीकृष्ण का भक्त बताया और भगवान की तरफ से ही कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। दावे में यह कहते हुए 1968 में शाही ईदगाह मस्जिद और श्री कृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान के बीच हुए समझौते को चुनौती दी गई है कि सेवा संस्थान को इस समझौते का अधिकार नहीं था क्योंकि जमीन का असली मालिक श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट है।
Published on:
26 May 2022 01:30 pm
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