18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

विश्व प्रसिद्ध लठामार होली आज, हुरियारिनें लट्ठ लेकर तैयार, कर रहीं कन्हा और सखाओं का इन्तजार, सज गई रंगीली गली, देखें वीडियो

बरसाना में देश-विदेश से आए श्रद्धालु इस अनुपम लठामार होली को देखने के लिए लालायित

3 min read
Google source verification
Holi, Holi 2019, 2019 Holi, Holi Festival, Holi Festival 2019, Happy Holi, Holi Wishes, Holi Celebration, 2019 Holi Celebration, Festival of Colours, Holi Festival of Colors, Holi 2019 Date, Holi Date, Holi Festival 2019 Date, Holi Story, Holi Colors, Holi Images, Holi Wallpapers, Holi Photos, Holi Pictures, Holi Kab Hai, Laddu holi, Lathamar holi, Barsana, Radha, Sulabh international, Widows, Widow, Vrindavan, Kushti, Kavi sammelan, GLA university, braj teerth vikas parishad, Krishna, Shri krishna, Kavi, Poet

holi

मथुरा। विश्व प्रसिद्ध बरसाना की लट्ठमार होली बड़े ही उत्साह और उमंग के साथ खेली जाएगी। राधारानी रूपी गोपियों को नंदगाँव के कृष्ण रूपी हुरियारों का इंतजार है। वे लट्ठ लेकर तैयार हैं। देश-विदेश से कोने-कोने से आये श्रद्धालु इस अनुपम लठामार होली को देखने के लिए लालायित हैं।

ये हैं कार्यक्रम
बरसाना के श्री जी मंदिर के सेवायत रास बिहारी गोस्वामी ने बताया की सुबह 8 बजे राधा रानी की श्रृंगार आरती होने के बाद सुबह से हो रंग होली की शुरूआत हो गई। इसके बाद श्रद्धालुओं की टोली गेहवर वन की परिक्रमा लगाने के लिए निकली। दोपहर 12 बजे तक मंदिर में श्रद्धालु मौजूद रहेंगे। लाड़ली जी के दर्शन करेंगे। अपराह्न दो बजे नन्दगॉव के हुरियारे प्रिया कुंड पहुंचेंगे। नन्दगॉव के हुरियारे कान्हा के सखा के रूप में पीली पोखर पर आकर स्नान करते हैं। अपने सर पर पग (पगड़ी) बांधकर बरसाने की हुरियारिनों को होली के लिए आमंत्रित करते हैं।

निभाई जा रही परंपरा
कहा जाता है जब भगवान कृष्ण बरसाने होली खेलने आये थे तो बरसाने वालों ने उन्हें इसी स्थान पर विश्राम कराया था। उनकी सेवा की थी। तब से लेकर आज तक बरसाना की लट्ठमार होली से पहले इसी स्थान पर होती है। नन्दगांव से आने वाले हुरियारे यहाँ आकर परंपराओं का निर्वहन करते चले आ रहे हैं।

रसिया गायन के बाद बरसेंगे लट्ठ
शाम 4 बजे राधा रानी मंदिर से निमंत्रण आता है और प्रमुख लोग हाथों में ध्वज लेकर मंदिर जाते है। मंदिर पहुंचने के बाद संयुक्त रसिया गायन का कार्यक्रम होता है। यह रसिया गायन करीब डेढ़ घंटे तक चलता है। शाम करीब साढ़े पांच बजे नन्द गांव के हुरियारे मंदिर से नीचे उतरकर आते हैं। होली के गीत गाते ये लोग है नंदगाँव के कृष्ण रूपी हुरियारे रंगीली गली में आकर हुरियारिनों को होली के गीत गाकर रिझाते हैं।

राधा कृष्ण के प्रेम रूपी भाव से खेलते हैं होली
होली के गीत और गलियों के बाद होता है नाच गाना और फिर खेली जाती है लट्ठमार होली। इसमें बरसाना की हुरियारिन नन्दगाांव के हुरियारों पर करती है लाठियों से बरसात। जिसका बचाव नन्दगांव के हुरियारे अपने साथ लायी ढाल से करते हैं। इस होली को खेलने के लिए नन्द गाांव से बूढ़े, युवा और बच्चे भी आते हैं। राधा कृष्ण के प्रेम रूपी भाव से खेलते हैं होली।

देश विदेश से आए श्रद्धालु
बरसाना की इस अनोखी लट्ठमार होली को देखने के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु आए हुए हैं। राधा और कृष्ण की प्रेम स्वरूप होली को देखकर आनन्दित हो उठते हैं। इस होली का जमकर लुत्फ़ उठाते हैं।

देवता भी बनते हैं होली के साक्षी
बृज में चालीस दिन तक चलने वाले इस होली में जब तक बरसाना की हुरियारिन नंदगांव के हुरियारों पर लाठियों से होली नहीं खेलतीं, तब तक होली का आनंद नहीं आता। कहा जाता है की इस होली को देखने के लिए स्वयं देवता भी आते हैं।

वाहनों के लिए 15 पार्किंग
अगर आप कार से गोवर्धन की तरफ से बरसाना जा रहे है तो आपको गोवर्धन बरसाना मार्ग पर बरसाना से करीब तीन किलोमीटर पीछे अपनी गाड़ी को पार्किंग में खड़ा करके जाना होगा। एसपी यातायात ब्रजेश कुमार ने बताया कि गोवर्धन- बरसाना मार्ग पर 9 पार्किंग स्थल बनाये गए है। श्रद्धालु दर्शन के लिए आयेंगे अपना वाहन पार्किंग में खड़ा करें और ई-रिक्शा से मंदिर तक पहुंच सकेंगे। वही छाता -बरसाना मार्ग पर 5 पार्किंग और कामा की तरफ एक बड़ी पार्किंग की व्यवस्था की गयी है। 14 मार्च रात्रि 8 बजे से इस व्यवस्था को लागू कर दिया गया है, जो 15 मार्च रात्रि 10 बजे तक ये लागू रहेगी।

होली के कार्यक्रम
नंदगांव की लठामार होली 16 मार्च
मथुरा भगवान श्रीकृष्ण जन्मस्थान 17 मार्च
गोकुल में छड़ीमार होली 18 मार्च
20 मार्च होलिका दहन फालेन का पंडा आग से निकलेगा
21 मार्च द्वारिकाधीश मंदिर मथुरा की होली
22 मार्च दाऊ जी का कोड़ेमार हुरंगा
22 मार्च को मुखराई चरुकुला नृत्य
26 मार्च को मानसी गंगा दसविसा ब्राह्मणान हुरंगा एवं होली महोत्सव
29 मार्च को जतीपुरा गिरिराज जी मंदिर में फूल डोल महोत्सव