
आस्था और श्रद्धा के अनूठे संगम के बीच बनी 21 किमी की मानव श्रंखला
मथुरा। देश के कोनेे-कोने से परिक्रमा करने आये श्रद्धालु गिरिराज धाम के पांच गांवों से मानव श्रंखला बनाकर एक माला में पिरो लेते हैं। भक्ति की डोर खींचे यह माला गिरिराज जी की तलहटी में देखने को मिल रही है। न छोटे का भेद न बड़े का भेद। इस श्रंखला में सभी एक समान भाव से नजर आ रहे हैं। मन में चाहत उस माला के कदमों को पूरी करने की जो कि शुरूआत से अंतिम में जाकर थमते हैं। भक्ति की चादर ओढ़े इस मानव रूपी माला के बीच गिरिराज पर्वत श्रंखला के अनुपम दर्शन होते हैं।
पांच गांवों की बीच बनती है माानव श्रखंला
मानव श्रंखला रूपी माला उन गांवों को जोड़ती जो कि पौराणिक धरोहर संजोये हुए हैं। वैसे इस माला की शुरूआत कहीं से भी होती है, लेकिन पारंपरिक शुरूआत तलहटी दानघाटी मंदिर से होती है जो कि 60 हजार की आबादी वाले पांच गांवों की बीच 50 मंदिर 200 दुकानें, 70 धर्मशालाएं तथा एक दर्जन कुंड श्रद्धालुओं के आकर्षण केन्द्र बने हुए हैं। गांव आन्यौर, पूंछरी, जतीपुरा, गोवर्धन व राधाकुंड से होकर पूरी होती है। पग-पग पर आस्था बिखेरे सात कोस लंबे पांच गांवों के बीच ठाकुर जी करीब 50 मंदिर हैं। परिक्रमा की शुरूआत मंदिर दानघाटी से होती है आगे चलते हैं तो आन्यौर में साक्षी गोपाल मंदिर, पूंछरी में पूंछरी के लौठा, जतीपुरा में मुखारविंद मंदिर, कस्बा गोवर्धन लक्ष्मी नारायण मंदिर, राधाकुंड में कैला देवी मंदिर, गोवर्धन हरिगोकुल मंदिर, मुकुट मुखारविंद मंदिर में विराजमान गिरिराज प्रभु के दर्शन होते हैं। परिक्रमा कर रहे भक्त कुंड व सरोवर के दर्शनों से धन्य होते हैं। परिक्रमा में चरणामृत कुंड, आन्यौर में संकर्षण कुंड, पूंछरी में अप्सरा कुंड, जतीपुरा में रूद्र कुंड, राधाकुंड में राधा-श्याम कुंड तो गोवर्धन में मानसी गंगा के दर्शन होते हैं। मुड़िया मेला में इसी परिक्रमा श्रंखला में सेवाभाव लिये सैकड़ों सेवा शिविरों के अनुपम नजारे दिखाई देते हैं इन सेवा शिविरों की ओर से राधे-राधे के उद्घोष सुनाई देते हैं। इन राधे-राधे के उद्घोषों के स्वर-स्वर में परिक्रमार्थियों के भी मिलते हैं।
आकर्षण का केन्द्र हैं मंदिर व सरोवर
गोवर्धन के दानघाटी मंदिर, मुकुट मुखारविंद मंदिर, हरिगोकुल मंदिर, लक्ष्मी नारायण मंदिर, मानसी गंगा, आन्यौर के श्रीनाथ जी मंदिर, साक्षी गोपाल मंदिर, गोविंद कुंड, संकर्षण कुंड, पूंछरी में पूंछरी का लौठा, नवल कुंड, अप्सरा कुंड, श्रीनाथ जी मंदिर, जतीपुरा में मुखारविंद मंदिर, लुकु-लुक दाऊ जी मंदिर, इन्द्र पूजा स्थल, हरि जी कुंड, रूद्र कुंड राधाकुंड में राधारानी कृष्ण कुंड, कैला देवी मंदिर, कुसुम सरोवर, नारद कुंड आदि दर्शनीय हैं।
Published on:
25 Jul 2018 08:01 am
बड़ी खबरें
View Allमथुरा
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
