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भगवान कृष्ण इसी वृक्ष पर बैठकर बजाते थे बांसुरी, आज भी सुनाई देती है मधुर आवाज

वट वृक्ष से आज भी कान्हा की मुरली की मधुर धुन सुनाई देती है।

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भगवान कृष्ण इसी वृक्ष पर बैठकर बजाते थे बांसुरी, आज भी सुनाई देती है मधुर आवाज

भगवान कृष्ण इसी वृक्ष पर बैठकर बजाते थे बांसुरी, आज भी सुनाई देती है मधुर आवाज

मथुरा। भगवान कृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में वैसे तो बहुत चमत्कारिक चीजें आपको देखने के लिए मिलेंगी, लेकिन इन सबके बीच सबसे आश्चर्यचकित करने वाला दृश्य होता है, बंसीवट में, जहां मान्यता है, कि वट वृक्ष से आज भी कान्हा की मुरली की मधुर धुन सुनाई देती है। देखिये पत्रिका की स्पेशल रिपोर्ट।

बंसीवट की है ये कहानी
मथुरा से करीब 45 किलोमीटर दूर स्थित मांट क्षेत्र का बंसीवट, यहां भगवान कृष्ण अपनी गाय चराने जाते थे। गाय को बुलाने के लिए एक पेड़ पर बैठ कर बांसुरी बजाते थे। बांसुरी की मधुर स्वर लहरियों को सुन गाय आ जाया करती थीं। वैसे तो वृक्ष देखने में आम वृक्षों की तरह है, लेकिन जब इस वृक्ष से कान लगा कर ध्यान से सुना जाता है, तो इसमें से बांसुरी की आवाज सुनाई देती है। माना जाता है कि इस वृक्ष पर कृष्ण बांसुरी बजाते थे तो इस पेड़ में दिव्य ऊर्जा उत्पन्न हुई और उसी की वजह से इससे आज भी बांसुरी की वहीं मधुर तान सुनाई देती है।

ऊर्जा मापक यंत्र भी दे चुके है प्रमाण
बंशीवट के महंत जय राम दास ने बताया कि कई बार इस वट वृक्ष को मशीनों के द्वारा जांच कराई गयी है। ऊर्जा मापक यंत्रों ने भी इस वट वृक्ष में आज भी वो ऊर्जा है, जिसके कारण आवाज आती है। ये कहना बिलकुल भी संकोच नहीं होता है की भगवान आज भी इस पेड़ में हैं।