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जिला अस्पताल में घावों को नोचती रहीं चींटी, तड़पता रहा मरीज

locationमथुराPublished: Aug 12, 2019 08:42:15 pm

-गरीबों को इलाज नहीं मौत दे रहीं सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं -आयुष्मान जैसी योजनाओं की आड़ में हकीकत छिपाने का हो रहा कुत्सिक प्रयास

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जिला अस्पताल में घावों को नोचती रहीं चींटी, तड़पता रहा मरीज

मथुरा। सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं जानलेवा हो गई हैं। अगर किसी मरीज का कोई धनाधुलाया नहीं है तो सरकारी जिला चिकित्सालय मरीज को धीमी मौत देने का उपक्रम भर रह गया है। सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को आयुष्मान जैसी सरकारी योजना का ढिंढोरा पीटने की आड़ में दबाने का कुत्सित प्रयास रह रह कर सामने आ रहा है। जिला चिकित्सालय में स्टाफ की कमी है। रात के समय चिकित्सक रुकते नहीं, इतना ही नहीं मरीजों और तीमारदारों के साथ आला दर्जे की लापरवाही और बदतमीजी भी की जाती है। महिला जिला चिकित्सालय से बच्चा चोरी होने जैसी घटनाएं भी सामने आती रही हैं। आये दिन यहां दंगा फसाद होते रहते हैं।
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सर्जिकल वार्ड में भर्ती आरा बिहार निवासी हरिनाथ गत तीन अगस्त को ट्रेन से गिरकर घायल हो गया था। जिसे इलाज के लिए जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था। युवक के इलाज में आला दर्जे की लापरवाही बरती जा रही थी लेकिन गरीब कहीं जाने की स्थिति में नहीं है। हद तो तब हो गई जब वह अचानक बैड से नीचे गिर गया लेकिन उसे उठाने के लिए कोई नहीं आया। इस बीच उसके घावों पर चीटियां लग गईं। हरनाथ घंटों भूख और लाचारी से फर्स पर पड़ा तड़पता रहा, लेकिन कोई मदद को नहीं आया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसके बाद अस्पताल प्रशासन हरकत में आया है। इस दुर्घटना में दो लोग घायल हुए थे, दूसरा घायल भी जिला अस्पताल में ही भर्ती है। बताया जा रहा है कि बाद में इस युवक को सामान्य मरीजों के वार्ड से अलग गैलरी में पटक दिया गया। जहां इन्हें रखा गया वहां न पंखा है, न बैड पर चादर है और नहीं कोई देखभाल करने वाला।

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केस-दो
बर्निंग वार्ड में सड़ कर मर गया ’गरीबा’
मथुरा। जिला चिकत्सालय में नाम के लिए बर्निंग वार्ड भी बनाया गया है लेकिन यहां मरीजों को सुविधा कोई नहीं है। सतोहा गांव के दलित गरीबा नामक व्यक्ति को दबांगों ने आग लगा दी थी। इस घटना में वह झुलस गया था। इसके बाद एक महीने से अधिक समय तक वह जिला चिकत्सालय में रहा। उसके घावों में कीड़े पड़ गये और तडप तड़प कर गरीबा ने दम तोड़ दिया। उसका परिवार इतना गरीबा था कि उसे कहीं ले जाने की स्थिति में नहीं था।

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केस-तीन
जिंदा युवक को मोर्चारी में फेंका, हांगाम करते रहे परिजन
मथुरा। थाना हाइवे की एक कालोनी निवासी युवक आटो चलाक था। वह बरसाना यात्रियों को लेकर गया था। इसी बीच उसकी तबियत बिगड गई। उसे पहले स्वास्थ्य केन्द्र गोवर्धन और फिर जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। इसी बीच इमरजेंसी वार्ड में युवक के घरवालों की स्टाफ से कहासुनी हो गई। इसी से स्टाफ इस कदर नाराज हुआ कि युवक के परिजनों को इमरजेंसी से बाहर निकाल दिया। वह अपने मरीज को कई घंटे तक इस कमरे से उस कमरे और इस आफिस से उस आफिस खोजते रहे लेकिन किसी ने कुछ बता कर नहीं दिया। जब पुलिस आई तो पता चला कि युवक मोर्चरी में है। कोतवाल से भी स्टाफ ने चाबी नहीं होने की बात कह दी थी। मोर्चारी पर दो ताले जड दिये थे। पुलिस स्टाफ के सामने ही ताला तोडा लेकिन तब तक युवक की मौत हो चुकी थी। इस मामले में भी लीपातोपती कर दी गई।

वर्जन
यह अमानवीय मामला सामने आया है, इसकी जांच कराई जा रही है। जो भी स्टाफ दोशी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आरएस मौर्या, सीएमएस जिला चिकत्सालय

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