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कोरोना वायरस के भय से 31 मार्च तक बंद हुए मंदिर, श्रद्धालुओं के आगमन पर लगा प्रतिबंध

कोरोना वायरस अब भक्त और भगवान के बीच का सबसे बड़ा रोड़ा बन गया है।

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मथुरा

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Neeraj Patel

Mar 18, 2020

कोरोना वायरस के भय से 31 मार्च तक बंद हुए मंदिर, श्रद्धालुओं के आगमन पर लगा प्रतिबंध

मथुरा. कोरोना वायरस अब भक्त और भगवान के बीच का सबसे बड़ा रोड़ा बन गया है। इस दिनों ब्रज के मंदिरों में भी कोरोना वायरस के चलते विशेष सावधानी बरती जा रही है। वहीं गोवर्धन स्थित मुकुट मुखारबिंद मंदिर मानसी गंगा भक्तों के लिए बंद कर दिया गया है। मंदिर के गेट पर ताला लगाने के साथ एक बोर्ड लगा है जिस पर लिखा है कि श्रद्धालुओं के लिए बंद है, अंदर पट खुले हुए हैं। इसके साथ ही इस्कॉन मंदिर वृन्दावन भी 31 मार्च तक श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया है। इन दोनों ही मंदिरों को भले ही श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया है लेकिन सेवायत द्वारा यहां हर रोज ठाकुरजी की नियम सेवा जारी रहेगी।

बता दें कि देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश सरकार की ओर से भी कुछ जरूरी गाइडलाइन जारी की गई। जिसमें स्थानीय प्रशासन का सहयोग करते हुए कुछ मंदिर प्रबंधनों ने इसमें अपना पूरी भागीदारी निभाई है। वृन्दावन के रंगजी मंदिर में जहां 171 साल पुरानी रथयात्रा के कार्यक्रम में बदलाव कर आकर्षण का केंद्र रहने वाली आतिशबाजी के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया तो वहीं इस्कॉन मंदिर प्रबंधन ने भी 31 मार्च तक अपने सभी भक्तों के लिए 31 मार्च तक के लिए मंदिर के गेट बंद कर दिए हैं।

वहीं गोवर्धन स्थित मुकुट मुखारविंद मंदिर मानसी गंगा को भी श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया है हालांकि इन दोनों ही मंदिरों में अंदर ही अंदर विधिवत रूप से ठाकुरजी की नियम सेवा का कार्य जारी रहेगा। वहीं वृन्दावन स्थित बांके बिहारी मंदिर प्रबंधन ने जहां श्रद्धालुओं के लिए कोरोना वायरस से बचाव के लिए अडवाइजरी जारी की है वहीं मंदिर में आ रहे श्रद्धालुओं की सेहत का ख्याल रखते हुए वायरस नाशक दवाओं का छिड़काव कराया जा रहा है।

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बांके बिहारी मंदिर के प्रबंधक मुनीश शर्मा ने बताया कि सुबह मंदिर खुलने से पहले, दोपहर को राजभोग आरती के बाद और रात में शयन भोग आरती के बाद पूरे मंदिर परिसर, बाहर चबूतरा और आस-पास गलियों में वायरस नाशक दवा का नियमित छिड़काव कराया जा रहा है।