
Hindu religion
मथुरा। भगवान बाँके बिहारी में आस्था होने के चलते एक मुस्लिम युवती ने धर्म परिवर्तन कर लिया है। मुस्लिम से हिन्दू बनी युवती का कहना है कि बकरे की कुर्बानी और गाय की हत्या के साथ साथ महिलाओं का अपमान को देखकर दुःखी थी। इसी के चलते उसने मुस्लिम धर्म त्याग हिन्दू धर्म को अपनाया। बृहस्पतिवार को वकीलों के साथ यह युवती एसएसपी के पास पहुंची और अपनी सुरक्षा की मांग की।
बांके बिहारी से लगाव
मथुरा के धौलीप्याऊ क्षेत्र की रहने वाली अरसी खान ने मुस्लिम धर्म छोड़कर अब हिन्दू धर्म अपना लिया है। वब अरसी खान से आरुषि बन गई है। बृहस्पतिवार को सुरक्षा की मांग को लेकर एसएसपी से मुलाकात करने के बाद आरुषि ने मीडिया से बातचीत की। उसने बताया कि बिना किसी दबाव के हिन्दू धर्म अपनाया है। आरुषि ने बताया कि उसका लगाव शुरू से ही हिन्दू धर्म और बांके बिहारी जी में रहा है। भले ही उसका नाम अरसी खान हो लेकिन वह शुरू से ही अपने आप को आरुषि मानती चली आ रही थी।
निरीह पशुओं को मारा जाता है
आरुषि ने बताया कि जब भी वह अपने घर में बांके बिहारी या श्रीराम का नाम लेती तो घरवाले कहते थे कि तू तो काफिर बन रही है। अब हिन्दू धर्म अपना लिया है। उसने बताया कि मुस्लिम धर्म में मेरी आस्था ना थी और ना है और इसके कई कारण है। आरुषि ने कहा कि निरीह पशुओं को मारा जाता है, वह भी बड़ेस्तर पर। कहा जाता है कि कुर्बानी है और बहुत बड़ा पुण्य है, इस बात को कभी स्वीकार नहीं करती। आरुषि ने यह भी कहा कि मुस्लिम समाज में ईद के नाम पर करोड़ों पशु कुर्बान कर दिए जाते हैं, लेकिन ऐसा ना करके कुर्बानी के लिए खरीदे गए पशु के बजाय उतने पैसे समाज के कल्याण में लगाए जाएं तो तस्वीर बदल सकती है।
महिलाओं के बारे में क्या कहता है मुस्लिम धर्म
उसने कहा कि अब हिन्दू बनने के बाद मेरी इच्छा है कि बांके बिहारी की नगरी में एक भी गाय को नहीं कटने दूंगी। आरुषि ने कहा कि दूसरी सबसे बड़ी बात कि मुस्लिम धर्म में बच्चियों को शिक्षा नहीं दिलाई जाती। मुस्लिम समाज में लड़की को बोला जाता है कि तेरी कोई औकात नहीं है, अपनी औकात में रह लेकिन हिन्दू समाज में महिलाओं का सम्मान है और महिला को सीता और दुर्गा भी बताते हैं। महिला को शक्ति का प्रतीक दर्शाया जाता है। आरुषि ने बताया कि इस्लाम में मेरे मन को आत्मिक शांति नहीं मिली लेकिन आज मेरी आस्था बांके बिहारी जी में है और उन्ही की शरण में रहकर समाज सेवा का काम करुंगी।
मरते दम तक आरुषि ही रहूंगी
आरुषि ने कहा कि में पहले अरसी थी लेकिन अब आरुषि हूं और मरते दम तक आरुषि ही रहूंगी। उसने कहा कि भारत के संविधान ने मुझे हक दिया है और मैं बालिग हूं। बिना किसी के दबाव के स्वेच्छा से मैंने हिन्दू धर्म स्वीकार किया है। आरुषि ने कहा कि मुझे जान का खतरा है इसलिए मैंने सुरक्षा की मांग की है।
Published on:
11 Oct 2018 10:52 pm
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