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मथुरा। बृज फाउंडेशन द्वारा ब्रज के कुंडों पर कराए गए विकास कार्यों पर एनजीटी द्वारा रोक लगा दी गयी है। गोवर्धन के तीनों कुंडों को तोड़कर उन पर गौघाट बनाने के निर्देश दिए हैं और साथ ही ये कहा गया है, कि कुंडों को यहां आने जाने बाले श्रद्धालुओं के लिए खोला जाए ।
इन तीन कुंडों के विकास पर रोक
करोड़ों रुपए की लागत से यूपी सरकार द्वारा किए गए बृज के कुंड़ों के विकास पर एनजीटी ने नाराजगी जताई है और अब बृज के तीनों प्रमुख कुंडों पर गाय विचरण के लिए स्थान बनाया जाएगा। बृज फाउंडेशन के द्वारा जहां बृज के गोर्वर्धन परिक्रमा में पड़ने वाले प्रमुख कुंड़ों को अखिलेश सरकार ने करोड़ों रुपए का बजट जारी कर तत्काल पैसा भी मथुरा की एक निजी संस्था बृज फाउंडेशन को जारी कर दिया था। स्वयं तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मथुरा के गोवर्धन आकर कार्य योजना का शिलान्यास किया था और करोड़ों की लागत से बनने के बाद बृज फाउंडेशन ने उपरोक्त तीनों कुंडो को अपनी निजी संपति समझ कर श्रद्धालुओं के आवागमन को रोक दिया था, जिसकी शिकायत जब स्थानीय जिला प्रशासन से की गई, तो जिला प्रशासन ने उपरोक्त तीनों कुंडो से बृज फाउंडेशन के कब्जे को हटा कर, ग्राम पंचायत को सौंप दिया।
आम लोगों के लिए खोलो गया
निजी संस्था बृज फाउंडेशन की शिकायत एनजीटी में की गई, जिला प्रशासन की शिकायत पर एनजीटी ने उपरोक्त तीनों कुंड़ों को अब जहां आम लोगों के लिए खोला गया है वहीं अब एनजीटी अब उपरोक्त तीनों रुद्र कुंड, शंकर्षण कुंड, और रिनोमोचन सहित तीनों कुंड़ों पर अब 'गौ घाट' बनाया जाने के आदेश जारी किए गए है। उपरोक्त तीनों कुंड़ों के सौंदर्यीकरण पर जहां स्थानीय जिला प्रशासन और एनजीटी आमने सामने हैं, वहीं उनके विकास और सौंदर्यीकरण पर खर्च हुए करोड़ों रुपए पानी की तरह बर्बाद होने के बाद एनजीटी की कार्य प्रणाली पर भी सवाल उठने लगे हैं।
ग्राम पंचायत को रख रखाव का जिम्मा
मामले की जानकारी देते हुए एसडीएम गोवर्धन डीपी सिंह ने बताया की बृज फाउंडेशन संस्था को नोटिस दिया गया था, चार दिन में कुड़ों को खाली करने का आदेश था। संस्था ने कब्जा हटा लिया है, जिसके बाद इन कुंड़ों को ग्राम पंचायत को सौंप दिया गया है।
Published on:
03 Jun 2018 06:45 pm
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