scriptमैक्स हॉस्पिटल के बाद मथुरा के केडी मेडिकल कॉलेज में लापरवाही का मामला, मरीज की तड़पकर मौत | patient died in KD Medical College due to carelessness | Patrika News
मथुरा

मैक्स हॉस्पिटल के बाद मथुरा के केडी मेडिकल कॉलेज में लापरवाही का मामला, मरीज की तड़पकर मौत

फोड़े का इलाज कराने आए मरीज को डॉक्टरों की लापरवाही के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी। ड्रिप की नली से बहता रहा खून, अधिक खून बह जाने से मौत।

मथुराDec 13, 2017 / 01:34 pm

suchita mishra

KD Medical College

KD Medical College

मथुरा। गोरखपुर के मेडिकल कॉलेज की लापरवाही सामने आने के बाद दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल की लापरवाही का मामला सामने आया। अब इसी कड़ी में मथुरा के केडी मेडिकल कॉलेज का नाम भी जुड़ गया है। नेशनल हाईवे पर स्थित केडी मेडिकल कॉलेज में फोड़े का इलाज कराने आए 30 वर्षीय रघुवीर की डॉक्टरों की लापरवाही के कारण मौत हो गयी। गुस्साए परिजनों ने अस्पताल के स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुई जमकर हंगामा काटा। लेकिन अस्पताल से उन्हें खदेड़ दिया गया।
ये है मामला
मथुरा के नामी अस्पतालों में शुमार केडी मेडिकल कॉलेज में लापरवाही का मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक गांव अकबरपुर निवासी रघुवीर उम्र 30 वर्ष की कमर से नीचे फोड़ा था, जिसका इलाज कराने कल सुबह वो केडी मेडिकल कॉलेज पहुंचा। तमाम टेस्ट कराने के बाद डॉक्टरों ने उसे भर्ती कर फोड़े का आॅपरेशन कर दिया। परिजनों का आरोप है कि ऑपरेशन के दौरान उनसे दवाइयों के खर्च समेत 20 हजार रुपये जमा कराए गए। लेकिन आॅपरेशन के बाद अस्पताल की ओर से मरीज की कोई देख रेख नहीं की गई। रघुवीर पूरी रात दर्द से चिल्लाता रहा, लेकिन अस्पताल में किसी ने मरीज के परिजनों की मदद की पुकार सुनी। जिसके चलते मरीज ने तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया। जब रघुवीर के मृत होने की खबर उसके परिजनों को हुई तो परिजनों ने शव को लेकर अस्पताल में काफी देर तक हंगामा किया। लेकिन अस्पताल प्रशासन ने उन्हें वहां से खदेड़ दिया।
खून अधिक बहने से हुई मौत
मृतक रघुवीर के भाई पप्पू ने बताया कि हम लोग अपने भाई को लेकर केडी मेडिकल कॉलेज गए थे। जब डॉक्टरों से बात की तो उन्होंने कहा कि आपका भाई इमरजेंसी में भर्ती होगा। 25 हजार रुपए लगेंगे, आपका भाई बिलकुल ठीक हो जाएगा। फिर उन्होंने भाई का आॅपरेशन किया। उस समय रघुवीर जोर जोर से चिल्ला रहा था। डॉक्टरों ने उसके शरीर से तीन सुई खींचकर खून निकाला। जब उनसे पूछा कि आप खून क्यों निकाल रहे हैं तो उन्होंने कहा कि जांचें चल रही हैं। इसके बाद बच्चा चिल्लाता रहा। 10 हजार रुपए पहले ही दवाओं के नाम पर जमा करा लिया गया था। कुछ समय बाद भाई का शरीर पीला पड़ने लगा। उसकी ड्रिप की नली से खून बह रहा था, लेकिन किसी ने नहीं रोका। ज्यादा खून निकलने से उसकी मौत हो गई।
डॉक्टर बोले चुपचाप चले जाओं कहीं नहीं होगी तुम्हारी सुनवाई
परिजनों का कहना है कि दवा के दस हजार के अलावा भी अस्पताल ने पैसे जमा कराए थे। कुल मिलाकर एक दिन में करीब 20 हजार रुपए खर्च हो गए और भाई भी नहीं बचा। जब डॉक्टरों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि तुम कुछ नहीं कर सकते, हमारी उपर तक पहुंच है। चुपचाप चले जाओ यहां से। तुम्हारी कहीं कोई सुनवाई नहीं होगी।
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