
yamuna bridge inaugurated by cm yogi
मथुरा। 88 करोड़ की लागत से साढ़े तीन साल में तैयार यमुना पुल के महज एक साल में ही उधड़ने की खबर को पत्रिका ने 4 जून को 'एक साल में उखड़ने लगा 88 करोड़ की लागत से बना यमुना पुल' नामक शीर्षक के साथ प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इस खबर के प्रकाशित होने के बाद सरकारी अधिकारियों की नींद टूटी और अधिकारियों की टीम कर्मचारियों के साथ पुल का हाल देखने पहुंची और टूटी सड़क की जल्दी जल्दी सीमेंट आदि भरकर मरम्मत कराई।
बता दें कि इस पुल का निर्माण पीडब्ल्यूडी के निर्माण खंड और सेतु निगम के अधिकारियों ने कराया था। फरवरी 2018 में सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस पुल का लोकार्पण किया था। पुल के शुरू होने के बाद से मथुरा से गोकुल बैराज होकर अलीगढ़, सादाबाद और हाथरस जाने वाले भारी वाहन अब इसी से होकर गुजरते हैं। इस पुल से रिफाइनरी के टैंकर, ट्रक, सवारी बस आदि भी गुजरते हैं। खबर प्रकाशित होने के बाद बेशक जल्दबाजी में अधिकारियों ने किसी तरह उधड़े पुल में सीमेंट गिट्टी आदि भरकर लीपापोती कर दी। लेकिन एक सवाल फिर भी उभर कर सामने आता है कि आखिर पुल निर्माण में किस तरह की सामग्री का प्रयोग किया गया है कि करोड़ों की लागत का पुल एक साल में ही उधड़ना शुरू हो गया। इसकी विस्तृत जांच की जानी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
Published on:
05 Jun 2019 12:41 pm
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