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‘मैं अनिरुद्ध कुमार पांडे नहीं, कानपुर अब धोखा…’, प्रेमानंद महाराज ने क्यों कही ये बात

Premanand Maharaj: प्रेमानंद महाराज ने अपने असली नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने यह भी कहा कि अब वह कानपुर नहीं बल्कि वृंदावन के हैं।

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‘मैं अनिरुद्ध कुमार पांडे नहीं, कानपुर अब धोखा…’, प्रेमानंद महाराज ने क्यों कही ये बात

Premanand Maharaj: वृंदावन के मशहूर संत प्रेमानंद महाराज ने श्री हित राधा केली कुंज आश्रम में एक अपने एक भक्त के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि अब वह अनिरुद्ध कुमार पाण्डेय नहीं हैं। उनका मूल वृंदावन है, कानपुर मूल अब धोखा है।

दरअसल, परिक्रमा मार्ग स्थित आश्रम में एकांतिक वार्ता के दौरान एक भक्त ने सवाल किया कि महाराज जी आप मूल रूप से कानपुर के रहने वाले हैं? इसके जवाब में प्रेमानंद महाराज ने कहा, “अब मूल वृंदावन है। अगर अब भी हमारा मूल कानपुर वाला हुआ तो हम धोखे में हैं। हम कानपुर के नहीं हैं, कानपुर का अनिरुद्ध कुमार पाण्डेय था, प्रेमानंद गोविन्द शरण वृंदावन का है। अब आप जिससे बात कर रहे हो, अनिरुद्ध कुमार नहीं, प्रेमानन्द गोविन्द शरण है।”

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13 साल की उम्र में महाराज ने लिया था संन्यास

आपको बता दें कि प्रेमानंद महाराज का जन्म कानपुर के गांव सरसौल में हुआ था। 12-13 वर्ष की अवस्था में उन्होंने सन्यास का फैसला ले कर घर-गांव छोड़ दिया। एक समय वह वृन्दावन आ गये। यहां रहकर शास्त्रत्तें का अध्ययन किया, भक्ति की और ठाकुर श्री राधाबल्लभ संप्रदाय से दीक्षा ली।