
प्रेमानंद महाराज का रात्रिकालीन पदयात्रा कार्यक्रम रात 2 बजे होता है। प्रेमानंद महाराज को देखने के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु पहुंचते हैं। किंतु इस बार मंगलवार की रात जब संत प्रेमानंद महाराज अपनी नियमित यात्रा पर नहीं निकले तो वहां मौजूद भक्तों में मायूसी छा गई।
मंगलवार रात बड़ी संख्या में श्रद्धालु सड़कों पर जमा थे। भक्तों ने मार्ग को रंगोली से सजाया था और भजन-कीर्तन करते हुए संत के आने की प्रतीक्षा कर रहे थे। देर रात तक इंतजार करने के बाद भी जब प्रेमानंद महाराज बाहर नहीं आए तो लोगों की चिंता बढ़ गई। कुछ समय बाद केली कुंज आश्रम के एक सेवादार ने माइक पर आकर संत के स्वास्थ्य खराब होने की सूचना दी और भक्तों से क्षमा याचना की। सूचना के मिलते ही कई भक्तों की आंखों से आंसू छलक पड़े।
प्रेमानंद महाराज की अनुपस्थिति लगातार दूसरी रात देखने को मिली। सोमवार रात को भी वे अपने तय समय पर बाहर नहीं आए थे। अब भक्तों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि उनकी तबीयत को लेकर कितनी गंभीरता है और आगे पदयात्रा कब फिर से शुरू होगी। हर दिन की तरह मंगलवार को भी मथुरा-वृंदावन की सड़कों पर श्रद्धालु जुटे थे लेकिन जब महाराज जी के दर्शन नहीं हुए तो वहां मायूसी का माहौल छा गया।
गौरतलब है कि प्रेमानंद महाराज देशभर में अपने प्रवचनों और आध्यात्मिक शिक्षाओं के लिए प्रसिद्ध हैं। उनकी एक झलक पाने को लोग घंटों इंतजार करते हैं। ऐसे में उनकी तबीयत खराब होने की खबर ने न केवल मथुरा-वृंदावन बल्कि देशभर में फैले उनके अनुयायियों को चिंतित कर दिया है। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि वे कब स्वस्थ होकर पुनः पदयात्रा पर लौटेंगे।
Published on:
16 Apr 2025 06:18 pm
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