मुद्रा का अपमान मथुरा जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों और तीमारदारों का आरोप है कि जिला अस्पताल में पर्चे बनाने वाले काउंटर पर एक रुपया और दस रुपए का सिक्का नहीं लिया जा रहा है। जब पत्रिका की टीम ने मथुरा के जिला अस्पताल में जाकर पड़ताल की तो काफी चौंकाने वाली बात सामने आई। अपने हाथ में एक रुपए का सिक्का लिए खड़ी महिला अपने नंबर आने का इंतजार कर रही थी और जब उसका नंबर आया तो इसका पर्चा बनाने वाला जिला अस्पताल का कर्मचारी एक रुपए के सिक्के को देखकर आग बबूला हो गया और उस महिला के हाथ से पर्चा छीनने लगा। इस तरह की हरकत एक महिला के साथ ही नहीं बल्कि यहां आये हुए तमाम महिला और पुरुष मरीजों के साथ की जाती है
मीरज, तीमारदारों के साथ बद्तमीजी एक अन्य तीमारदार ने जब पर्चा खिड़की पर बैठे बाबू से उसकी इस मनमानी का विरोध किया ,तो उन्हें भी हड़का दिया और बोल दिया हमें जेल भिजवा देना। जिला अस्पताल में आए हुए मरीजों का आरोप है कि पर्चा बनाने वाला ना तो एक रुपए का सिक्का ले रहा है और न ही दस रुपये का सिक्का ले रहा है। जब ये सिक्के नहीं ले रहे हैं तो इन सिक्के चल ही क्यों रहे हैं। पर्चा बनवाने के लिए जिला अस्पताल में आई नीतू हजारा नाम की महिलाओं का कहना है कि उनके पास एक रुपए का छोटा सिक्का था, जो कि किसी भी कर्मचारी ने नहीं लिया और हमारा पर्चा भी हमसे छीनने लगा, हमने उसे दूसरी बार में पांच रुपए दिए तो वह कहता है पैसे खुले नहीं हैं और खुले पैसे न होने की वजह से हमारा पर्चा नहीं बन पाया। सिक्का न लिया ठीक है लेकिन हमसे बद्तमीजी भी कर रहे हैं। पर्चा खिड़की पर बैठे कर्मचारियों से बात की तो, उनका कहना था कि पब्लिक नहीं लेती है, बैंक वाले भी नहीं लेते हैं। इसीलिए हम नहीं ले रहे हैं।
सीएमस ने दिए सिक्के लेने के आदेश जब हमने जिला अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर वीके गुप्ता से सिक्के न लेने के संबंध में पूछा तो उनका कहना था कि मुझे इस बात की कोई जानकारी नहीं है। मैंने जो पर्चा बना रहा है उससे कह दिया है कि वह एक रुपए के सिक्के और दस रूपए के सिक्कों को ले पर जो भी समस्या होगी मैं उसे देखकर उसका निस्तारण करूंगा।
जांच कर होगी कार्रवाईइस पूरे मामले को लेकर सिटी मजिस्ट्रेट बसंत अग्रवाल का कहना कि मामले की जांच करायी जाएगी और शिकायत सही पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।