
gurmit ram rahim
मथुरा। साध्वी यौन शोषण मामले में पंचकूला की सीबीआई अदालत ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख Gurmeet Ram Rahim को दोषी करार दे दिया है। जिसके बाद से उनके अनुयाइयों ने उपद्रव मचाना शुरु कर दिया और जिसमें कई जानें जा चुकी है। इस फैसले के आने के बाद संत समाज में भी आक्रोश देखने को मिल रहा है। मथुरा के महामंडलेश्वर श्री विद्यानंद पुरी ने उपद्रव की घटना की निंदा की है। उन्होंने कहा है कि प्रशासन को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसे लोगों को संत नहीं माना जाता। गुरमीत राम रहीम में संत का कोई गुण नहीं है। भोलभाले लोगों को बहकार उन्हें भक्त बनाना आसान है। अगर न्यायापालिका में विश्वास रखते हैं तो धैर्य रखें।
राम रहीम के खिलाफ आक्रोश
हरियाणा के पंचकूला में राम रहीम को सीबीआई कोर्ट ने दोषी ठहराया है और असर मथुरा के संतों पर भी पड़ा है। यहां के संत राम रहीम के चेलों द्वारा किए उपद्रव का कड़ा विरोध कर रहे हैं। संत इस घटना से आक्रोशित हैं। शुक्रवार को वृन्दावन के चिंता रमण आश्रम में विरक्त सन्यासी परिषद् द्वारा महा मंडलेश्वर श्री विद्यानंद पुरी ने संतों की नाराजगी की बात कही। उन्होंने बताया कि राम रहीम संत नहीं हैं। अगर संत है तो बताएं इनके गुरू कौन है। सच्चे व्यक्ति को डरने की कोई जरूरत नहीं होती है। संत सच्चाई का साथ देते हैं न कि बुराई का।
संत समाज का अपमान
महामंडलेश्वर स्वामी नवल गिरी, श्री स्वामी ब्रह्म चैतन्य , महामंडलेश्वर श्री स्वामी भास्करानंद सरस्वती इन सभी संतों ने बाबा राम रहीम का विरोध किया है। सबने कहा कि कोई संत इस तरह का काम नहीं करता। डेरा सच्चा के प्रमुख ने जो किया है वो निंदनिय है। इस घटना के बाद संत समाज को अपना सर झुका कर चलना पड़ रहा है। एक संत इन सब चीजों से दूर रहता है।
Published on:
26 Aug 2017 11:41 am
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