ऊर्जामंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि संविदाकर्मियों को समय से निर्धारित मानदेय देने में किसी प्रकार की बाधा नहीं आनी चाहिए। उनके सभी लंबित भुगतानों को दीपावली से पूर्व सुनिश्चित किये जायें। साथ ही ऐसे मामलों में लापरवाही करने पर आउटसोर्सिंग एजेंसियों और अधिकारियों की जवाबदेही तय करने को भी कहा।
ऊर्जामंत्री ने नवंबर के पहले सप्ताह से अभियान चलाकर सभी सरकारी भवनों में स्मार्ट कम प्रीपेड मीटर लगाए जाने के निर्देश दिए साथ ही सभी महानगरों में स्मार्ट मीटरिंग का काम तीव्र गति से कराए जाने को भी कहा।
कहा कि उपभोक्ताओं को पर्याप्त और निर्बाध बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित हो, सभी को समय से सही बिल मिले, उपकेंद्र आधारित व्यवस्था फिर से बहाल हो इसके लिए वितरण कंपनियों के प्रबंध निदेशकों व निदेशकों द्वारा नियमित एक उपकेंद्र का भौतिक निरीक्षण कर समस्याओं का समाधान सुनिश्चित किया जाए।
ऊर्जामंत्री ने कहा कि प्रदेश के उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए सबसे जरूरी कदम है। सरकार गांवों को भी 24 घंटे बिजली देना चाहती है। इसमें लाइन लॉस व चोरी बाधा है, हम इसे कम करने के लिए ग्राम पंचायतों व ग्रामीणों का सहयोग लेंगे। जिन गांवों में लाइन लॉस 15% से कम होगा वहां सरकार 24 घंटे सप्लाई सुनिश्चित करेगी। गांव का फीडर भी अलग होगा।
इसके लिए विद्युत् वितरण कंपनियों को अपने लाइन लॉस कम करने होंगे और ग्रेडिंग में सुधार के लिए जरूरी कार्यों की समय से चरणबद्ध ढंग से पूरा करना होगा। उन्होंने सभी प्रबंध निदेशकों को निर्देशित किया कि लाइन लॉस को सिंगल डिजिट में ले आने के लिए बिलिंग गुणवत्ता सुधारने, सही समय पर बिल जारी करने, ग्रामीण क्षेत्रों में कैम्प लगाने, 100%मीटरिंग, एबी केबलिंग, फीडर सेपरेशन के काम समय से पूरे किये जायें।
ऊर्जामं6 ने कहा कि सरकार ने सभी को काम करने की स्वतंत्रता दी है, लेकिन स्वच्छंदता किसी को नहीं है। भ्रष्टाचार को लेकर सरकार की जीरो टॉलरेन्स की नीति है, लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं होगी।