27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

#UPDusKaDum वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल है वृंदावन का मां वैष्णो देवी धाम, 141 फीट ऊंची है माता की मूर्ति, जानिए यहां की दस विशेषताएं…

मथुरा के वृंदावन में बना है मां वैष्णो देवी धाम। हर वर्ष दूर—दूर से लाखों भक्त यहां आकर माता के दर्शन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

2 min read
Google source verification
Vaishno Devi Temple Mathura

Vaishno Devi Temple Mathura

मथुरा। वृंदावन स्थित प्रेम मंदिर वाले मार्ग पर थोड़ी दूर चलने के बाद बायीं तरफ मां शेरावाली की विशाल मूर्ति दिखायी देती है। माता की ये प्रतिमा मां वैष्णो देवी धाम में बनी हुई है। मां के चरणों में हनुमान जी भी विराजमान हैं। वृंदावन में इस वैष्णों देवी धाम की काफी मान्यता है। हर वर्ष दूर—दूर से लाखों भक्त यहां आकर माता के दर्शन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। जानिए इस मंदिर से जुड़ी दस बातें।

1. इस मंदिर में 141 फीट ऊंची मां दुर्गा की मूर्ति है। मां की मूर्ति की ऊंचाई को लेकर इसका नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है।

2. मंदिर 11 एकड़ में बना हुआ है। इसमें देवी मंदिर, दर्शन गुफा, लंगर हॉल, फ्री डिस्पेंसरी, आध्यात्मिक हॉल और लाइब्रेरी बनाया गया है।

3. मां वैष्णो देवी मंदिर की स्थापना जे.सी.चौधरी ने की है। वे दिल्ली के बड़े कारोबारी हैं और मां वैष्णों देवी को अपना प्रेरणा स्रोत मानते हैं। हर महीने वे यहां आते रहते हैं।

4. मंदिर का निर्माण मई 2003 में शुरू हुआ था और इसे पूरा बनने में सात साल का समय लगा। मई 2010 में ये मंदिर बनकर तैयार हुआ।

5. मंदिर में माता के नौ रूपों का बहुत सुंदर चित्रण किया गया है। ये सभी मूर्तियाँ एक गुफा में विराजमान हैं।

6. गुफा में प्रवेश करने से पहले मां गंगा की बेहद खूबसूरत मूर्ति है। ये मूर्ति अपने आप में आकर्षण का केंद्र है।

7. मंदिर में भगवान गणेश और शिव जी की भी मूर्ति लगी हुई है। मंदिर परिसर में छोटे-छोटे घास के मैदान है, जिनमें रंग-बिरंगे फूल भी लगे हुए हैं। इस मैदान के चारों तरफ चलने के लिए भी पक्का मार्ग बना है।

8. मंदिर परिसर में फोटो खींचने की सख़्त मनाही है, मोबाइल या कैमरा ले जाने पर भी प्रतिबंध है। मंदिर के प्रवेश द्वार के पास सामान रखने की निशुल्क व्यवस्था है और मंदिर के सामने ही पार्किंग की भी व्यवस्था है।

9. मंदिर में चमड़े की कोई भी वस्तु रखकर या पहनकर आने की सख्त मनाही है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अलग-अलग काउंटर बनाए गए हैं।

10. मंदिर से सटा एक आश्रम भी हैं जहां कोई भी श्रद्धालु आकर रुक सकता है। दूर दूर से लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं।