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#UPDusKaDum वृंदावन में बन रहा दुनिया का सबसे ऊंचा श्रीकृष्ण मंदिर, इमारत की चोटी से दिखेगा ताज…जानिए दस विशेषताएं

70 मंजिला ये मंदिर की स्टक्चरल डिजाइनिंग अमेरिका की कंपनी से करायी गई है। ये मंदिर 2022 तक बनकर पूरा हो जाएगा।

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Chandrodaya Temple

Chandrodaya Temple

मथुरा के वृंदावन में दुनिया का सबसे ऊंचा श्रीकृष्ण मंदिर बन रहा है। इस मंदिर को चंद्रोदय मंदिर के नाम से जाना जाएगा। इसकी ऊंचाई दिल्ली स्थित कुतुबमीनार से तीन गुना ज्यादा होगी। वर्ष 2014 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक व सीएम अखिलेश यादव की मौजूदगी में चंद्रोदय मंदिर के गर्भगृह का शि‍लान्‍यास कि‍या था। माना जा रहा है कि 2022 तक ये मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा। जानिए इस मंदिर से जुड़ी ऐसी दस बातें जो आपको हैरान कर देंगी।

1. चंद्रोदय मंदिर के नि‍र्माण की शुरुआत जन्‍माष्‍टमी के दिन की गई थी। इसका निर्माण इस्कॉन संस्था द्वारा कराया जा रहा है। इसे एक पिरामिड के आकार में बनाया जाएगा।

2. मंदिर की स्टक्चरल डिजाइनिंग अमेरिका की स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग कंपनी थॉर्नटन टोमासेटी से कराई है कंपनी से करायी गई है। मंदिर के निर्माण का जिम्मा गुड़गांव और नोएडा कंपनी को सौंपा गया है।

3. इस मंदिर की ऊंचाई 210 मीटर होगी जोकि कुतुबमीनार की तीन गुना है। कुतुबमीनार की ऊंचाई 72.5 मीटर है। माना जा रहा है कि इसकी चोटी से आगरा स्थित ताजमहल का दीदार भी किया जा सकेगा।

4. मंदिर की इमारत लगभग 55 मीटर गहरी होगी और इसका आधार 12 मीटर तक ऊंचा होगा, मंदिर का ढांचा 500 से अधिक स्तंभों पर खड़ा होगा। दुबई स्थि‍त दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा की गहराई मात्र 50 मीटर है। चंद्रोदय मंदिर की गहराई बुर्ज खलीफा से ज्यादा गहरी होगी।

5. यह मंदिर, 200 सालों में अब तक का सबसे मॉडर्न मंदिर होगा। इस मंदिर में बनाए जाने वाले पार्क में 4डी तकनीक के जरिए श्रद्धालुओं को भगवान श्रीकृष्ण की अनगिनत लीलाओं के बारे में बताया जाएगा।

6. मंदिर के आसपास प्राकृतिक वनों का वातावरण तैयार किया जाएगा और यमुना जी का प्रतिरूप तैयार कर नौका विहार जैसी सुविधाएं भी होंगी।

7. 70 मंजिला इस इमारत के शुरुआती 3 तलों पर चैतन्य महाप्रभु और राधा, कृष्ण बलराम के मंदिर के अलावा अन्य तलों पर आगंतुकों के लिए गैलरी, टेलिस्कोप सुविधा और अन्य सुविधाएं होंगी।

8. मंदिर में लगाई जाने वाली लिफ्ट की तीव्रता 8 मीटर प्रति 2 सेकंड होगी, साथ ही इमारत के टेढ़ा होने पर भी यह सीधी ही चलेगी।

9. मंदिर को बनाने के लिए 1000 मजदूरों को लगाया गया है। 10 एकड़ में मंदिर की अंडरग्राउंड पार्किंग बनायी जाएगी। माना जा रहा है कि साल 2022 तक चंद्रोदय मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा। इसके बाद मंदिर को लोगों के लिए खोल दिया जाएगा।

10. मंदिर के आस पास हरियाली का खास ध्यान रखा जा रहा है। मंदिर चारों तरफ से जंगल से कवर्ड रहेगा। कुल मिलाकर 12 वन होंगे जिनमें खजूर के वन, वट वृक्ष वन, तुलसी का वन और निधिवन आदि होंगे।