
लखनऊ: हेट स्पीच मामले में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के विधायक अब्बास अंसारी को दोषी करार दिया गया। अब्बास अंसारी को कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई। अब्बास अंसारी को सजा होने के कारण यह सीट खाली हो गई है। अब इस सीट पर उपचुनाव होना तय हो गया। भाजपा इस सीट को अपने पाले में करना चाह रही है। लेकिन, सुभासपा ने यहां पर पेंच फंसाया हुआ।
अब्बास अंसारी ने 2022 में समाजवादी पार्टी की सहयोगी रही सुभासपा के टिकट पर इस सीट से जीत दर्ज की थी और भाजपा के अशोक सिंह को 48,000 वोटों से हराया था। अब SBSP भाजपा की सहयोगी पार्टी है। मऊ सदर सीट पर मुख्तार अंसारी ने 1996 से लेकर 2022 तक कब्जा जमाए रखा। दो बार बसपा से (1996 और 2017), दो बार निर्दलीय (2002 और 2007), और एक बार कौमी एकता दल से (2012)। मार्च 2024 में बांदा जेल में दिल का दौरा पड़ने से मुख्तार की मौत हो गई थी।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, भाजपा ने मुस्लिम बहुल इस सीट पर अपनी संगठनात्मक ताकत झोंक दी है। पार्टी इसी तर्ज पर जनाधार तैयार करने की योजना बना रही है जैसे उसने रामपुर और कुंदरकी में किया था, जहां 2022 और 2024 के उपचुनावों में भाजपा ने जीत दर्ज की।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि पार्टी ज़मीन पर कार्य कर रही है और आने वाले दिनों में प्रयास और तेज किए जाएंगे। उम्मीदवार के नाम पर अंतिम निर्णय केंद्रीय नेतृत्व द्वारा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उपचुनाव एनडीए गठबंधन लड़ेगा, उम्मीदवार भाजपा से होगा या सुभासपा से यह समय आने पर तय किया जाएगा।
वहीं, सुभासपा ने भी इस सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। पार्टी प्रमुख और यूपी सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि मऊ सदर में उनकी पार्टी मजबूत दावेदार रही है 2017 में रनर-अप रही और 2022 में सीट जीत भी चुकी है। उन्होंने भाजपा से समर्थन की मांग की।
हालांकि, एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने इशारा किया कि 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने सुभासपा को घोसी सीट से लड़ने का मौका दिया था, जिसमें मऊ सदर क्षेत्र भी आता है। लेकिन कांग्रेस समर्थित सपा उम्मीदवार राजीव राय ने राजभर के बेटे अरविंद को 1.6 लाख वोटों से हरा दिया, जिससे यह प्रयोग असफल रहा।
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, मुख्तार अंसारी की गैरमौजूदगी और अब्बास अंसारी की अयोग्यता से अंसारी परिवार का राजनीतिक प्रभाव कमजोर हुआ है। वर्तमान में मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी गाज़ीपुर से सपा सांसद हैं, जबकि उनके बड़े भाई सिबगतुल्लाह का बेटा सुहैब अंसारी मोहम्मदाबाद से विधायक है। हालांकि, अफजाल पर भी कई आपराधिक मामले चल रहे हैं, जिससे परिवार का राजनीतिक भविष्य और अधिक संकट में है।
भाजपा अब इस सीट पर योगी सरकार की ‘स्वच्छ शासन’ की छवि को भुनाने और अंसारी परिवार के कानूनी संकटों को उजागर कर लाभ उठाने की रणनीति पर काम कर रही है।
Published on:
03 Jun 2025 01:28 pm
बड़ी खबरें
View Allमऊ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
