
गेंहू की बुवाई में हो गई है देर तो इस बीज से जनवरी तक करें बुवाई
कहते हैं खेती करना बहुत मुश्किल काम है। पूर्वांचल में एक कहावत बहुत ही प्रसिद्ध है_
"करमे खेती, करमे नारि, करमे हीत मिलें दुई चार।।"
अर्थात खेती बड़ी किस्मत से होती है। ऐसे में अगर किसी कारण वश गेहूं की बोवाई समय से न कर पाएं तो उस साल हमे कम उत्पादन से ही संतोष करना पड़ता है। परंतु अब हमारे वैज्ञानिकों ने गेहूं की ऐसी किस्में बना लीं है, जिनकी वजह से यदि हम गेहूं की बोवाई लेट भी करें तो भी हमें अच्छी पैदावार मिल सकती है। कृषि उपनिदेशक मऊ सत्येंद्र सिंह चौहान के अनुसार अगर हम गेहूं की एक वैरायटी है HALNA K-68 को बोते हैं तो हमे समय से बोए गए गेंहू के बराबर ही पैदावार मिल सकती है।
कृषि उपनिदेशक ने बताया कि ये कम समय में होने वाली गेहूं की एक लेट वैरायटी है। इसको हम 15 दिसंबर से लेकर जनवरी के पहले सप्ताह तक बो सकते हैं। लगभग 130 दिन में तैयार होने वाली गेंहू की इस किस्म से किसान 35 से 40 कुंतल प्रति हेक्टेयर तक की उपज प्राप्त कर सकते हैं। इसमें मात्र 3 सिंचाई में ही पूरी फसल प्राप्त हो जाती है।
बाजार में मिल रहा बीज
गेहूं की इस किस्म को हम खुले बाजारों, या प्राइवेट अथवा राजकीय बीज भंडार से बड़ी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। गेहूं की यह किस्म उन स्थानों के लिए ज्यादा उपयुक होती है जहां आलू की खेती की जाती है। आलू बोने के बाद किसानों के पास गेहूं उत्पादन के लिए ज्यादा समय नहीं मिल पाता। ऐसे में गेंहू की यह लेट वैरायटी इन किसानों के लिए बहुत ही मुफीद है।
ऐसे में यदि आपकी भी गेहूं की बोवाई लेट हो गई हो तो गेंहू की इस किस्म को बो कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
Published on:
20 Dec 2023 08:41 am
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