21 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Mau breaking: माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की विधायकी बहाल, हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को हेट स्पीच केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के न्यायमूर्ति समीर जैन की बेंच ने बुधवार को फैसला सुनाते हुए अब्बास की विधायकी बहाल कर दी।

2 min read
Google source verification

मऊ

image

Abhishek Singh

Aug 20, 2025

Mau news

मऊ न्यायालय में विधायक अब्बास अंसारी, PC- पत्रिका।

Abbas Ansari News: मऊ से विधायक और माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को हेट स्पीच केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के न्यायमूर्ति समीर जैन की बेंच ने बुधवार को फैसला सुनाते हुए अब्बास की विधायकी बहाल कर दी।

गौरतलब है कि 31 मई 2025 को मऊ सेशन कोर्ट ने अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में दो साल की सजा सुनाई थी। साथ ही उनके चुनाव एजेंट मंसूर को छह महीने की कैद और दोनों पर दो-दो हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया था। जबकि अब्बास के छोटे भाई उमर अंसारी को बरी कर दिया गया था। सजा के ऐलान के बाद 1 जून को विधानसभा सचिवालय ने अब्बास की सदस्यता समाप्त कर दी थी और मऊ सीट को रिक्त घोषित कर उपचुनाव की तैयारी शुरू कर दी गई थी।

अब्बास ने सेशन कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में रिविजन पिटीशन दाखिल की थी। 30 जुलाई को बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिस पर बुधवार को फैसला सुनाया गया।

क्या है पूरा मामला?

3 मार्च 2022 को मऊ के पहाड़पुर मैदान में चुनावी सभा के दौरान अब्बास अंसारी ने विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि सरकार बनने के बाद छह महीने तक न तो कोई तबादला होगा और न ही तैनाती। अधिकारी-कर्मचारियों को अपने काम का हिसाब देना पड़ेगा। इस बयान के बाद चुनाव आयोग ने उन पर 24 घंटे तक प्रचार करने पर रोक लगा दी थी।

इसके बाद 4 अप्रैल 2022 को तत्कालीन एसआई गंगाराम बिंद की तहरीर पर शहर कोतवाली में FIR दर्ज की गई थी, जिसमें अब्बास, उनके भाई उमर अंसारी, चुनाव एजेंट मंसूर और 150 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया था।

हाईकोर्ट के ताजा आदेश के बाद अब्बास अंसारी की सदस्यता बहाल हो गई है और उपचुनाव की प्रक्रिया स्वतः समाप्त हो जाएगी।