
मऊ जनपद में विभिन्न त्योहारों के दृष्टिगत भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 लागू हो गई है। यह धारा 1 अक्टूबर से 30 नवंबर तक जनपद में प्रभावी रहेगी। इस संबंध में
अपर जिला मजिस्ट्रेट सत्यप्रिय सिंह ने बताया कि महाराजा अग्रसेन जयंती, दशहरा, महर्षि बाल्मीकी जयंती, नरक चतुदर्शी, दीपावली, गोबर्धन पूजा, छठ, गुरुनानक जयंती, कार्तिक पूर्णिमा, गुरूतेग बहादुर शहीद दिवस, एवं विभिन्न परीक्षाओं के दृष्टिगत असामाजिक तथा अवांछनीय तत्वों द्वारा शान्ति भंग का प्रयास किया जा सकता है। असामाजिक तत्वों की अवांछनीय गतिविधियों से सम्पूर्ण मऊ जनपद के नगरीय व देहाती क्षेत्रों में कहीं भी अथवा सम्पूर्ण जनपद में जनजीवन अस्त व्यस्त होने व लोक शान्ति के भंग होने की आशंका उत्पन्न हो गयी है।
उक्त के दृष्टिगत मुझे यह भी समाधान हो गया है कि मऊ जनपद के सम्पूर्ण क्षेत्र में दिनांक 01 अक्टूबर 2024 से असामाजिक तत्वों की अवांछनीय गतिविधियों की रोकथाम हेतु अस्त्र शस्त्र लेकर चलने, अवांछित तत्वों द्वारा आपत्तिजनक नारे लगाने तथा आपत्तिजनक भाषण को रोकने एवं बिना अनुमति के 5 या 5 से अधिक व्यक्तियों के एक स्थान पर एकत्र होने को प्रतिषेध करने वाली निषेधाज्ञा तत्काल जारी किया जाना अत्यन्त ही आवश्यक एवं अपरिहार्य हो गया है। ऐसी आपात स्थिति में प्रत्येक सम्बन्धित को व्यक्तिगत नोटिस देना एवं व्यक्तिगत नोटिस का तामिला तथा सुनवायी करना सम्भव नहीं है एवं एक पक्षीय आदेश निर्गत करना आवाश्यक हो गया है।
अतः भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निम्न निषेधाज्ञा लागू करता हूँ जो पूरे जनपद में दिनांक 01 अक्टूबर 2024 से 30 नवम्बर 2024 के रात्रि 11:00 बजे तक प्रभावी रहेगी।
धारा 163 के तहत प्रशासन को निषेधाज्ञा लागू करने के अधिकार दिए गए हैं। पहले इसे भारतीय दंड संहिता में धारा 144 के नाम से जाना जाता था। धारा 163 के तहत स्थानीय प्रशासन आपातकालीन स्थिति या किसी बड़ी परेशानी पर नियंत्रण करने के लिए क्षेत्र विशेष या पूरे जिले में इसे लागू सकता है।
Published on:
04 Oct 2024 08:10 am
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