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Mau news: अब्बास अंसारी की विधायकी बचाने की जंग अंतिम मोड़ पर, आज सेशन कोर्ट में सुनवाई, फैसला कुछ ही देर में

अब्बास के वकील दरोगा सिंह द्वारा दायर की गई अपील पर आज मऊ के जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में सुबह 10:45 बजे सुनवाई हो रही है।

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मऊ

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Abhishek Singh

Jun 21, 2025

Abbas ansari

Abhas ansari, Pc- Patrika

Abbas Ansari: हेट स्पीच मामले में दोषी ठहराए गए मऊ के पूर्व सदर विधायक अब्बास अंसारी की विधायकी बचाने की आखिरी उम्मीद पर आज बड़ा फैसला हो सकता है। अब्बास के वकील दरोगा सिंह द्वारा दायर की गई अपील पर आज मऊ के जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में सुबह 10:45 बजे सुनवाई हो रही है।

यह मामला 31 मई को एमपी-एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश डॉ. के.पी. सिंह द्वारा सुनाए गए फैसले से जुड़ा है, जिसमें अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में दोषी करार देते हुए सजा सुनाई गई थी। इसके बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने 1 जून को उनकी विधायकी समाप्त कर दी थी।

अब्बास ने दायर की है अपील

अब्बास अंसारी के वकील ने सत्र न्यायालय में अपील दायर की थी, जो अब एमपी-एमएलए कोर्ट से ट्रांसफर होकर जिला जज के पास सुनवाई के लिए पहुंची है। यदि कोर्ट अपील खारिज कर देता है, तो अब्बास अंसारी को राहत के लिए हाईकोर्ट की शरण लेनी होगी, लेकिन कानूनी जानकारों के अनुसार वहां से भी उन्हें त्वरित राहत मिलना मुश्किल दिखाई दे रहा है।

मामला क्या है?

2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान, 3 मार्च को मऊ के पहाड़पुर मैदान में एक चुनावी सभा में अब्बास अंसारी ने ऐसा भाषण दिया, जिसे चुनाव आयोग ने आचार संहिता और कानून व्यवस्था के विरुद्ध माना।

उन्होंने मंच से कहा था – "मैं अखिलेश भैया से कहकर आया हूं, सरकार बनने के बाद 6 महीने तक किसी का तबादला नहीं होगा, पहले हिसाब-किताब होगा।"

इस बयान के बाद चुनाव आयोग ने उनके प्रचार पर 24 घंटे की रोक लगाई थी। बाद में 4 अप्रैल 2022 को कोतवाली मऊ में तत्कालीन एसआई गंगाराम बिंद की शिकायत पर FIR दर्ज की गई। इसमें अब्बास के साथ उनके भाई उमर अंसारी, चुनाव एजेंट मंसूर और करीब 150 अज्ञात लोगों को नामजद किया गया।

FIR में दर्ज धाराएं

IPC की धारा 506 (धमकी), 171F (चुनाव प्रक्रिया में बाधा), 186 (लोकसेवक को कार्य से रोकना), 189 (लोकसेवक को धमकाना), 153A (सम्प्रदायिक वैमनस्य फैलाना), और 120B (षड्यंत्र)।

उपचुनाव की आहट

अगर अपील खारिज हो जाती है, तो मऊ सदर विधानसभा सीट रिक्त मानी जाएगी और जुलाई आरंभ में उपचुनाव की अधिसूचना कभी भी जारी हो सकती है। ऐसे में मऊ की राजनीति में बड़ा फेरबदल देखने को मिलेगा।