कहानी उत्तर प्रदेश के मऊ जले के कोपागंज थानाक्षेत्र के इन्दार गांव देईथान की रहने वाली संध्या की है। जिले के ही सराय लखन्सी थानाक्षेत्र के गांव खालिस पुर के देवेन्द्र कुमार के बेटे आलोक रंजन के साथ उसका प्रेम चल रहा था। दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ने लगीं तो उनका यह प्यार ज्यादा दिन तक दुनिया से छिप नहीं सका।
जब बात बाहर आ गयी तो मामला थाने तक जा पहुंचा। संध्या के पिता ने थाने में तहरीर दी तो पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझा और आनन-फानन में संध्या के प्रेमी आलोक रंजन और उसके परिजनों को थाने बुलावा भेजा पेशे से अध्यापक आलोक रंजन के माता-पिता बेटे के प्रेम संबंध के सामने आने पर समाज के डर से थाने में दोनों की शादी कराने पर राजी तो हो गए, पर संध्या को बहू के रूप में स्वीकार नहीं किया।
शादी हो गई, पर शादी के थोड़े दिन बाद जब आलोक रंजन उसे लेने नहीं पहुंचा तो वह खुद ही माता-पिता को लेकर अपने प्रेमी पति के घर पहुंच गयी। पर उसे वहां देखते ही सास-ससुर और उसका पति तीनों ही घर में ताला लगाकर फरार हो गए। संध्या ने बताया कि उसके ससुराल वाले उसे छोड़ना चाहते हैं। इसीकी वजह से वह अपने ससुराल पहुंची। पर वहां वो लोग घर में ताला लगाकर ही फरार हो गए। उधर पुलिस अधीक्षक ने पूरे मामले को संज्ञान में होना स्वीकारते हए उचित कार्यवाई की बात कही है।
By Vijay Mishra