1599 ई. में ब्रिटिश व्यापारियों ने भारत व पूर्वी देशों के साथ व्यापार करने के लिये ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना की। 1600 ई. में इग्लैंड की रानी एलिजाबेथ प्रथम ने इस कंपनी को भारत में व्यापार करने आैर नौसेना संगठित करने की अनुमति दी। 100 साल तक कंपनी ने यहां सिर्फ व्यापार ही किया। उसने समुद्रीय तटों पर कई व्यापारिक केन्द्र बनाए। उसके बाद कंपनी ने 1615 में जहागीर के दरबार में सर टाॅमस रो को राजदूत के रूप में भेजा। सूरत, मछलीपट्टम, मद्रास, बंबई आैर कलकत्ता में फैक्ट्रियां खोलीं। व्यापार में पांव जमाने के बाद कंपनी ने भारत के राजनैतिक मामलों में भी दखल दिया। कंपनी के कर्मचारियों ने राजनैतिक सत्ता का दुरुपयोग किया। शासन में भ्रष्टाचार लूटपाट शुरू हो गर्इ।