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23,259 गोले दागे थे पाकिस्तानी सेना पर, तब इस रेजीमेंट को मिला था यह इनाम!

कर्नल पवन ने बतार्इ कारगिल युद्ध की सफलता की कहानी

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Sanjay Kumar Sharma

Jul 26, 2017

197 regiment meerut

197 regiment meerut

मेरठ।
कर्नल पवन वह सैनिक हैं, जो 1999 में कारगिल युद्ध में शामिल थे आैर वहां की एक-एक गतिविधि को नजदीकी से देखा था। पश्चिम उत्तर प्रदेश सब-एरिया की आेर से
कारगिल विजय दिवस
पर सम्मान समारोह में कर्नल पवन को युद्ध के अपने अनुभव बताने का मौका मिला। कर्नल पवन ने बताया कि जब कारगिल में पाकिस्तान से जंग छिड़ी, तो 197 फील्ड रेजीमेंट में थे आैर कारगिल में ही तैनात थे आैर हमारी रेजीमेंट के एक-एक सैनिक ने पाकिस्तानी फौज को निशाने पर लिया आैर उन्हें पीछे हटने पर मजबूर किया। उन्होंने बताया कि उनकी रेजीमेंट ने दुश्मन फौज पर तोप से 23,259 गोले दागे थे आैर इसका इनाम हमें बाद में मिला।


197 कारगिल रेजीमेंट बन गर्इ


कर्नल पवन ने बताया कि हमारी 197 फील्ड रेजीमेंट के सैनिकों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए दुश्मन फौज को पीछे धकेला था। जब कारगिल पर विजय हासिल की, तो हमारी रेजीमेंट का नाम बदलकर 197 कारगिल रेजीमेंट रखा गया, यह परिवर्तन कारगिल में हमारे हौंसलों को देखकर किया गया। बाद में पूर्व थल सेनाध्यक्ष जनरल वीपी मलिक ने रेजीमेंट को प्रशस्ति पत्र भी दिया था।


197 कारगिल आैर 17 गढ़वाल रेजीमेंट यहां


197 कारगिल रेजीमेंट अब मेरठ कैंट में शिफ्ट हो गर्इ है। रेजीमेंट सभी कैंट क्षेत्र में अपना स्थान बदलती रहती है, इसलिए यह अब मेरठ कैंट में है। इसी तरह कारगिल युद्ध में 17 गढ़वाल रेजीमेंट के सैनिकों ने भी विजय में बड़ा योगदान दिया। यह रेजीमेंट भी मेरठ कैंट में शिफ्टेड है। इस कार्यक्रम के आखिर में 17 गढ़वाल रेजीमेंट के कारगिल में याेगदान पर डाॅक्यूमेंट्री भी दिखार्इ गर्इ।