
मेरठ। फर्जी अभिलेखों के जरिए 50 लाख रुपये का लोन स्वीकृत करने के मामले में ईओडब्ल्यू की टीम ने एक और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। एसबीआई के पूर्व शाखा मैनेजर समेत आठ लोग पहले ही जेल जा चुके हैं। अब टीम ने एक अन्य आरोपी केके मित्तल को गिरफ्तार किया है, जबकि अन्य 16 आरोपियों की भी जांच चल रही है।
आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा के एसपी राम सुरेश यादव के अनुसार एसबीआई ब्रह्मपुरी शाखा के मैनेजर नवीन रायजादा ने ब्रह्मपुरी थाने में इस धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया था। इसमें बताया गया था कि 2004 से 2007 तक बैंक से 50 लाख रुपये का लोन पास कराया था। जिसमें फर्जी अभिलेखों का इस्तेमाल किया गया। बाद में इस मामले की विभागीय जांच की गई तो मैनेजर नवीन राय को पता चला कि मैनेजर एमएम बंसल के समय में यह फर्जी लोन पास हुआ था।
शासन के निर्देश पर इस केस की जांच ईओडब्ल्यू के इंस्पेक्टर उदल सिंह कर रहे हैं। जांच में पता चला कि एसबीआई ब्रह्मपुरी के पूर्व शाखा मैनेजर एमएम बंसल, फील्ड आफिसर श्याम सुंदर और कार्तिक फाइनेंस कंसल्टेंसी ने फर्जी अभिलेखों के जरिए लोन पास कराया और 50 लाख रुपये की धनराशि हड़प ली। विवेचना में इनमें से अधिकांश आरोपी दर्ज नाम व पते से गायब मिले। इनमें एक आरोपी की मौत हो चुकी है। अभी तक पूर्व शाख मैनेजर समेत आठ लोग जेल में हैं। इस मामले में अब ईओडब्ल्यू टीम ने शास्त्रीनगर के पुराना के-ब्लाक निवासी केके मित्तल को गिरफ्तार कर लिया है। ईओडब्ल्यू इंस्पेक्टर की विवेचना में 26 आरोपी प्रकाश में आए हैं। बैंक में फर्जी परिचय पत्र, फार्म-16, नौकरी में न होते हुए भी नौकरी प्रमाण पत्र, वेतन स्लिप लगाकर एसबीआइ की ब्रह्रमपुरी शाखा से 50 लाख रुपये का लोन दिया गया। उसके बाद रकम वापस नहीं की गई।
Published on:
08 Sept 2019 04:04 pm
बड़ी खबरें
View Allमेरठ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
