23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बड़ी कार्रवाई: यूपी के इस शहर में तीन दिन के भीतर बंद होंगे 75 कोठे

हार्इकोर्ट ने 23 अप्रैल को कोठे खाली कराने की रिपोर्ट के साथ किया अफसरों को तलब किया कबाड़ी बाजार में संचालित हैं 75 कोठे, हार्इकोर्ट के वकील ने दायर की थी जनहित याचिका  

3 min read
Google source verification
meerut

बड़ी कार्रवाई: यूपी के इस शहर में तीन दिन के भीतर बंद होंगे 75 कोठे

मेरठ। हार्इकोर्ट ने डीएम, एसएसपी आैर सीएमआे को मेरठ के कबाड़ी बाजार के कोठे खाली कराने की रिपोर्ट के साथ 23 अप्रैल को तलब किया है। प्रशासन के पास अभी तीन दिन का समय है, लेकिन यहां से कोठे खाली करवाने में जिला व पुलिस प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी होगी। पुलिस के अनुसार कबाड़ी बाजार में 75 कोठे संचालित हैं, इनमें 400 सेक्स वर्कर हैं। रिपोर्ट के अनुसार 2009 से मेरठ में यह गोरखधंधा चल रहा है, जबकि वास्तविकता इसके उलट है। यहां कर्इ दशकों से कोठे संचालित हैं। इस मामले में जनहित याचिका डालने वाले हार्इकोर्ट के वकील सुनील चौधरी ने आरटीआर्इ के अंतर्गत प्रशासन, पुलिस आैर स्वास्थ्य विभाग से जानकारी जुटाने के बाद रिट दायर की थी। अब हार्इकोर्ट ने 23 अप्रैल को कोठे खाली कराए जाने की रिपोर्ट के साथ तलब किया है तो पुलिस प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।

यह भी पढ़ेंः पुलिस कस्टडी से कुख्यात बद्दो की फरारी में स्कूल का चेयरमैन गिरफ्तार, अभी हो सकते हैं कर्इ बड़े खुलासे

इतनी सेक्स वर्करों की हो चुकी मौत

मेरठ के स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट है कि कबाड़ी बाजार के कोठों में सात सेक्स वर्करों की मौत हो चुकी है। इनमें एक मौत एड्स से, दूसरी छत से कूदकर हुई। एक सेक्स वर्कर को ग्राहक गोली मारकर चला गया था। छह अन्य सेक्स वर्करों में एचआईवी पॉजिटिव पाया गया। इसके अलावा यहां कई बार छापेमारी में नाबालिग लड़कियों से जबरन यह धंधा कराया जाता मिला। इन किशोरियों का समय-समय पर रेस्क्यू कराया गया। इन कोठों और यहां आने वाले नशेड़ियों व आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के कारण स्थानीय लोग और व्यापारी भी परेशान हैं। जनहित याचिका दायर करने वाले वकील सुनील चौधरी का कहना है कि कबाड़ी बाजार में तीन स्कूल चल रहे हैं। नियमानुसार शिक्षण संस्थानों से दूर कोठे होने चाहिए, जबकि मेरठ में करीब 50 साल से तीन स्कूल कबाड़ी बाजार में चलने बताए गए हैं।

यह भी पढ़ेंः प्रेमिका ने नहीं की शादी तो युवक ने खुद के अपहरण का रच दिया ड्रामा, फिर ये हुआ

कई किशोरियों को छुड़ाया गया

मेरठ एंटी ह्यमून ट्रैफिकिंग यूनिट की टीम ने कबाड़ी बाजार के कोठों पर कई बार छापेमारी कर नाबालिग लड़कियों को छुड़ाया है। पुलिस ने बताया कि किशोरियों को बंधक बनाकर गलत काम कराने की बात सामने आयी हैं। पश्चिम बंगाल, राजस्थान, कोलकाता समेत कई राज्यों की किशोरियों को यहां से मुक्त कराया गया। इसको लेकर मेरठ को कई बार शर्मसार होना पड़ा। अधिवक्ता सुनील चौधरी का कहना है कि मैंने इन किशोरियों का दर्द देखा है। रिट दायर करने के बाद मुझे कई बार धमकी मिली। पुलिस ने कोर्ट में हलफनामा देकर कहा कि याची अपने स्वार्थ के लिए बिना वजह आरोप लगा रहा है। यहां किसी तरह कोई परेशानी नहीं है। याची के मुताबिक, 23 अप्रैल की तारीख नियत हुई है। कोर्ट ने तीनों विभागों को रिपोर्ट के साथ तलब किया है। कोर्ट के आदेश है कि सेक्स वर्करों का रेस्क्यू कराकर कोठों पर ताले लगाकर रिपोर्ट लेकर आएं।

यह भी पढ़ेंः दबंगों की छेड़खानी के कारण हंसता-खेलता परिवार हुआ बर्बाद, इस पीड़ित की सुनेंगे तो सिहर जाएंगे

इनका कहना है

एसएसपी नितिन तिवारी का कहना है कि इस संबंध में हमें 23 अप्रैल को हार्इकोर्ट ने बुलाया तो है, लेकिन हमसे जवाब नहीं मांगा है। हार्इकोर्ट के आदेश के मुताबिक ही कार्रवार्इ की जाएगी। सीएमआे डा. राजकुमार का कहना है कि यूपी स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी ने सर्वे कर रिपोर्ट तैयार की थी। उसी रिपोर्ट को कोर्ट में सबमिट किया था। स्वास्थ्य विभाग ने न कोई सर्वे कराया और न ही वेलफेयर के लिए योजना बनाई।

UP News से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Uttar Pradesh Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर ..

UP Lok sabha election Result 2019 से जुड़ी ताज़ा तरीन ख़बरों, LIVE अपडेट तथा चुनाव कार्यक्रम के लिए Download करें patrika Hindi News App