Independence Day: पूरी रात मना था आजादी का जश्न, हलवाइयों ने मुफ्त में बांटी थी मिठाइयां
83 साल के बुजुर्ग ने बताई 15 अगस्त 1947 के दिन उत्सव की गाथा। बोले पूरे दो दिन मना था आजादी का जश्न। तिरंगे से पाट दिया था पूरा मेरठ,दिल्ली—मेरठ रोड पर उमड़ा था युवाओं का सैलाब।
मेरठ। 15 अगस्त 1947 आजादी (Independence Day 2021) का पहला दिन और उस दिन का आजाद (15 August) भारत का सूरज देखने वालों में चंद लोग ही बचे हैं। युवा के दिल में आज भी यह जानने की उत्सुकता होती है कि आजादी का वो पहला दिन कैसा रहा होगा। किस तरीके से देश में इसका जश्न मनाया गया होगा। मप्र के पूर्व राज्यपाल कुंवर महमूद अली खान के साले और पेशे से अधिवक्ता पेश नवाज खां ने देश के आजादी के दिन का वो पहला सूरज देखा था।
अधिवक्ता पेश नवाज खां बताते हैं कि उस दिन 14 अगस्त की रात से ही मेरठ के घंटाघर पर जश्न का माहौल था। बुढाना गेट से लेकर घंटाघर और दिल्ली रोड पर वे अपनी बच्चा टोली के साथ वंदे मातरम और देश भक्ति के तरानों के साथ तिरंगा लेकर दौड़ लगा रहे थे। जगह—जगह लोगों के झुंड उत्साह से खड़े थे। नवाज खां बताते हैं कि उस रात हलवाइयों की दुकानों पर कढाइयां चढ़ी हुई थी। लडडू और जलेबियां बनाई जा रही थी। कोटला बाजार भी पूरी रात खुला था। हलवाइयों को डालडा घी के कनस्तर बनियों ने फ्री में बांटे थे। पूरा घंटाघर तिरंगा झंडे से पाट दिया गया था।
15 अगस्त को सुबह सूरज की पहली किरण के साथ ही आजाद का जश्न शुरू हो गया था। युवाओं ने खूब गुलाल उड़ाया था। 14 अगस्त से लेकर 15 अगस्त की रात तक मेरठ की सड़कों पर जमकर आजादी का पर्व मनाया गया था। पेश नवाज खां बताते हैं कि 15 अगस्त 1947 को उनकी उम्र करीब 8 साल की रही होगी। उन्हें याद है कि उनके अब्बा ने आजादी का पर्व मनाने के लिए नई बनियान खरीद कर दी थी। उस नई बनियान को पहनकर उन्होंने आजादी का पर्व मनाया था।
खूब छूटे थे पटाखे और अनार :— अधिवक्ता नवाज खां बताते हैं कि 15 अगस्त की शाम को घंटाघर पर जश्न मनाया गया था। उस समय खूब पटाखे और अनार दागे गए थे। आसमान में आतिशबाजी से गजब का नजारा था। रात में 1 बजे तक वे अपने दोस्तों के साथ आजादी का पर्व मनाते रहे।