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जानिये, ज्योतिष के अनुसार कौन से ग्रहों में परिवर्तन के कारण आई उत्तराखंड में फिर आपदा

9 फरवरी को एक साथ मकर राशि में प्रवेश कर रहे 6 ग्रह इससे पहले 1962 में बनी थी छह ग्रहों के योग की युति ग्रहों के इस योग से देश—दुनिया में देखने को मिलेगा बड़ा बदलाव

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मेरठ

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shivmani tyagi

Feb 08, 2021

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ग्लेशियर फटने के बाद पानी का बहाव

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

मेरठ ( astrology tips in hindi ) चमोली ( Uttarakhand ) में ग्लेशियर ( Glacier ) के फटने की घटना को ज्योतिष शास्त्र ( Astrology ) में षड्ग्रही योग की युति को जिम्मेदार माना जा रहा है। ज्योतिषाचार्य पंडित अनिल शास्त्री की माने ताे ग्रहों की दृष्टि से इस साल फरवरी माह काफी महत्वपूर्ण है। 9 फरवरी को एक साथ मकर राशि में छह ग्रह होंगे। इसके साथ ही षड्ग्रही योग भी बन रहा है। ऐसा योग 59 साल बाद बन रहा है।

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पंडित अनिल शास्त्री का कहना है कि ( According to astrology ) 9 फरवरी को रात 8.30 बजे के करीब चंद्रमा मकर राशि में प्रवेश करेगा। इस राशि में शुक्र, बुध, शनि, गुरु और सूर्य पहले से ही मौजूद हैं। ऐसी स्थिति में 9 ग्रहों में से छह ग्रह इस समय मकर राशि में रहेंगे। इससे पहले वर्ष 1962 में मकर राशि में छह ग्रहों की युति हुई थी। उन्होंने बताया कि शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि किसी भी राशि में जब भी पांच ग्रह से या फिर उससे अधिक ग्रह एक साथ होते हैं तो इससे देश—दुनिया में कई प्रकार के बदलाव देखने को मिलते हैं साथ ही मौसम में भी काफी परिवर्तन होता है।

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ऐसी स्थिति में व्यापार से जुड़े लोगों को संघर्ष और आध्यात्म से जुड़े लोगों को ज्ञान की प्राप्ति होती है। इस बदलाव से कभी-कभार अच्‍छे संकेत भी होते हैं तो कभी बुरा असर भी होता है। उन्होंने बताया कि इस बार ग्रहों के इस मेल का बुरा असर देखा जा स‍कता है। ज्‍योतिषाचार्य बताते हैं कि एक साथ छह ग्रहों के होने से ग्रहों की स्थिति के अनुसार मौसम में तेजी से बदलाव आ सकता है। इसके अलावा राजनीतिक उथल- पुथल और अन्य बदलाव भी देखने को मिल सकते हैं। इस समय जन्म लेने वाले जातक घुमंतु प्रवृत्ति के होते हैं जिनका मन हमेशा अस्थिर रहता है।

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ज्‍योतिष के जानकारों का मानना है कि इस तरह के संयोग से राजनीतिक उथल-पुथल हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे राज्‍य व देश में की राजनीति में भी बदलाव देखने को मिल सकता है। यह संयोग बहुत ही दुर्लभ है। उन्होंने बताया कि चमोली में ग्लेशियर का फटना इसी का नतीजा है।