
Makar Sankranti 2020: 90 साल बाद मकर संक्रांति पर बन रहा ये दुर्लभ योग, इन लोगों के लिए होगा विशेष फलदायक, दान देने से मिटेंगे सारे कष्ट
मेरठ। इस बार मकर संक्रांति को लेकर तरह-तरह के भ्रम फैलाए जा रहे हैं। विभिन्न पंडितों के अपने तर्क आैर मत हैं। अगर आप भी मकर संक्रांति मनाने जा रहे हैं और आपके मन में भी इसको लेकर किसी तरह की कोई दुविधा या शंका है तो इसे दूर कर लीजिए। आचार्य हबीब के अनुसार इस बार सूर्य देव 14 जनवरी यानी सोमवार को रात्रि 7.18 बजे उतराषाढ़ा नक्षत्र में आ रहे हैं। इसी दौरान वे दूसरे चरण मकर राशि में प्रवेश करेंगे। जिस समय सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करेंगे उस समय चन्द्रमा, अश्विनी नक्षत्र मेष राशि में प्रवेश करेगा। यह बड़ा ही अद्भुत संयोग होगा। जो कि करीब 90 वर्ष बाद लग रहा है। 90 वर्ष बाद लगने वाले इस संयोग को सिद्धि योग व बवकरण कहा जाता है। इस बार संक्रंन्ति का वाहन शेर और दूसरा उपवाहन हाथी है। इसका नाम वार व ध्वांक्षी इसका नक्षत्र है। इस बार की संक्रांति उद्योगपतियों, व्यापारियों के अलावा सामान का आयात निर्यात करने वाले व्यापारियों के लिए शुभदायक होगी। इसके अतिरिक्त शेयर कारोबारियों के लिये भी यह धनदायक होगी।
संक्रांति एेसे प्रवेश कर रही वैश्य के घर
आचार्य हबीब के अनुसार संक्रांति का गमन उत्तर दिशा की ओर इनकी दृष्टि ईशान कोण की तरफ है। जिसके प्रभाव से उत्तरी राज्यों के लिए कष्टकारक योग बनेंगे। संक्रांति शरीर पर कस्तूरी का लेप लगाकर सफेद वस्त्र पहने पुनांग का पुष्प एवं माला पहने, हाथों में शस्त्र भाला लेकर सोने का पात्र हाथ में लिए वैश्य के घर में प्रवेश कर रही है, जो 30 मुहूर्त वाली है।
इस काल में करेंगे दान होगा महाकल्याण
आचार्य हबीब के अनुसार सूर्य संक्रांति समय से 6 घटी पहले एवं 6 घटी बाद तक का पुण्य काल होता है। इस बार मकर संक्रांति का पुण्यकाल संक्रांति से 20 घटी बाद तक रहेगा। जिस कारण सूर्यास्त के बाद मकर संक्रांति प्रदोष काल रात्रि काल में हो तो पुण्यकाल दूसरे दिन माना जाता है। इस वर्ष संक्रांति का शुभारंभ 14 सोमवार की शाम को 7.18 बजे होने से पंचागों की गणना अनुसार पुण्यकाल दिन में 1.20 बजे से होगा। यानी संक्रांति का पुण्यकाल 15 जनवरी मंगलवार को सूर्योदय 7. 21 बजे से दिन में 11.52 बजे तक रहेगा। जिसमें अमृत सिद्धि योग दोपहर 1.50 बजे रहेगा। इसके बाद रवि योग का अदभुत संयोग होगा। पुण्यकाल समय में अमृत सिद्धि योग रवि योग में दान पुण्य स्नान आदि समस्त कार्य करने से हजार गुना फल मिलेगा।
Updated on:
14 Jan 2019 08:43 pm
Published on:
13 Jan 2019 07:54 pm
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