
मेरठ। जिले में परतापुर थाना क्षेत्र में हुए चश्मदीद गवाह मां-बेटे की हत्या का मामला अभी शांत नहीं हुआ है कि पुलिस की लापरवाही से एक और गवाह को हत्यारों ने गोलियों से भून दिया। संपत्ति के बंटवारे पर विवाद बताया जा रहा है आैर मामला है। मृतक गवाह गांव में ही सीएचसी में वार्ड ब्वाय के पद पर कार्यरत था। घटना की जानकारी जब गांव में लगी तो ग्रामीण शव को गढ़ रोड पर रखकर धरने पर बैठ गए। ग्रामीण सएसपी को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े थे। एसएसपी मौके पर पहुंची तब ग्रामीणों ने शव पुलिस को सुपुर्द किया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया।
संपत्ति को लेकर विवाद
रछौती गांव निवासी बाबूराम गुर्जर के चार बेटे हैं। जिनमें संपति को लेकर चारों के बीच विवाद चल रहा है। जुलाई 2017 को उसके बेटे राजेश की हत्या कर दी गई थी। जिसका आरोप मृतक राजेश के भाई ऋषिपाल और उसके बेटों पर था। मुकदमें में दूसरा भाई देवराज गवाह और वादी था। देवराज ही मुकदमें की पैरवी कर रहा था। मुकदमें से खुद को अलग करने के लिए देवराज को कई बार धमकी मिल चुकी थी। जिसको लेकर उसने मुंडाली थाने में तहरीर भी दी थी। लेकिन उस पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। देवराज शनिवार की सुबह चार बजे से घर से गायब था।
पुत्र तलाशता रहा
उसके पुत्र लोकेश ने अपने पिता की तलाश में पूरा गांव छान मारा लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। गांव के बाहर जंगल में उसके शव के पेड़ पर लटके होने की सूचना किसी ग्रामीण ने दी। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने देवराज का शव पेड पर झूलता देखा। उसके शरीर पर गोलियों के निशान थे। हत्या की सूचना से गांव में सनसनी फैल गई। मौके पर पहुंची थाना पुलिस ने हत्या को आत्महत्या बताकर मामले से पल्ला झाड़ने की कोशिश की तो ग्रामीण भड़क उठे और रोड जाम कर दिया। मौके पर पहुंची एसएसपी मंजिल सैनी ने बताया कि देवराज की हत्या के बाद उसके शव को पेड़ से लटका दिया गया था।
Published on:
28 Jan 2018 11:41 am
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