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मेरठ में हुए बवाल के बाद बसपार्इ अंदर, सपा नेता चल रहे फरार

दो अप्रैल में बवाल के बाद मेरठ जोन में अब तक 143 मुकदमें दर्ज, 461 गिरफ्तारी

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मेरठ। एससी-एसटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विरोध में हुई हिंसा के बाद अब शहर सामान्य स्थिति में है। गुरूवार को स्कूल खुले और बाजारों में चहल-पहल भी रही। हालांकि सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस बल हर प्रमुख चौराहों पर तैनात किया गया था। गौरतलब है कि बीती दो अप्रैल को दलित संगठनों के भारत बंद आहवान के दौरान सुबह नौ बजे से ही आंदोलन उपद्रव में बदल गया था। दोपहर बाद लखनऊ से आदेश मिलने पर पुलिस सक्रिय हुई तो सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया।

उपद्रव के आरोपी बसपा नेता पूर्व विधायक योगेश वर्मा व उसके भार्इ पवन वर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी सपा नेता अतुल प्रधान व विपिन मनोठिया व अन्य सपा नेता फरार चल रहे हैं। हिंसा के तीन दिन बाद पुलिस अधिकारियों ने शहर के कंकरखेड़ा, मोदीपुरम, घोपला, खड़ौली, पल्लवपुरम आदि स्थानों का दौरा किया। जगह-जगह बनाए गए सुरक्षा के प्वाइंटों पर तैनात पुलिसकर्मियों को दिशा निर्देश दिए। साथ ही वायरलेस सेट पर एसएसपी ने सभी थानाध्यक्षों को चेतावनी दी है कि यदि सुरक्षा में लापरवाही बरती गई तो उन्हें उसकी कड़ी सजा मिलेगी।

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अब तक दर्ज हो चुके 77 मुकदमें

हिंसा को लेकर मेरठ जिले में अब तक 77 मुकदमें दर्ज किए जा चुके हैं। इसकि अतिरिक्त 226 लोग उपद्रव फैलाने के आरोप में गिरफ्तार हो चुके हैं। 7000 अज्ञात लोगों को दर्शाया गया है। जिसमें से कंकरखेड़ा पुलिस ने 410 अज्ञात की पहचान कर ली। बसपा के पूर्व विधायक योगेश वर्मा, उनके भाई पवन वर्मा की गिरफ्तारी हो चुकी है। जबकि विपिन मनोठिया और अतुल प्रधान अभी फरार है।

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जोन में अब तक 143 मुकदमें दर्ज

एडीजी प्रशात कुमार ने बताया कि मेरठ जोन में अब तक कुल 143 मुकदमें दर्ज किए गए हैं। जिसमें से 461 की गिरफ्तारी हो चुकी है और हजारों की संख्या में अज्ञात फरार है। वहीं उन्होंने बताया मेरठ जोन में 87 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। दो लोगों की मौत हुई है। वही 9 लोग पब्लिक के घायल हुए हैं।

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