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चांद दिखने के बाद उलेमाओं ने ऑनलाइन दी बधाइयां और पढ़ी तकरीर

Highlights मुस्लिम इलाकों में ऑनलाइन देखा गया चांद मुस्लिम धर्म गुरुओं ने लोगों को दी मुबारकबाद रोजाना शाम को धर्म गुरु करेंगे ऑनलाइन तकरीर  

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मेरठ। शुक्रवार को चांद दिखाई देते ही रोजे की तैयारियां शुरू हो गई। लॉकडाउन के बीच पहला रोजा शनिवार को रखा जाएगा। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लॉकडाउन ने इस बार रोजेदारों के लिए सब कुछ बदल कर रख दिया है। लोग ऑनलाइन चांद देखने के साथ ही इंटरनेट और न्यूज चैनलों के जरिए चांद दिखने और मुकद्दस रमजान शुरू होने को लेकर जानकारी करते नजर आए। उलेमा पहले ऑनलाइन हुए उन्होंने चांद दिखने के साथ मुबारकबाद दी और तकरीर की। कुरान-ए-पाक भी ऑनलाइन की सुनाना शुरू कर दिया।

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चांद दिखने के साथ ही रमजान की घोषणा के बाद उलेमा और तमाम लोग ऑनलाइन आए। शहर के लालकुर्ती, रजबन, जाकिर कॉलोनी, जैदी फार्म, लिसाड़ी गेट, ऊंचा सद्दीकनगर समेत तमाम इलाकों में युवाओं ने ऑनलाइन रोजेदारों को बधाइयां दी। चांद दिखने के बाद कारी शफीकुर्रहमान कासमी ने ऑनलाइन आकर लोगों को चांद दिखने के साथ मुकद्दस रमजान का पाक महीना शुरू होने की मुबारकबाद दी। इस मौके पर कारी शफीकुर्रहमान ने तकरीर पढते हुए कहा कि दुनिया की तमाम संस्कृतियों में हिन्दुस्तानी संस्कृति का आदर केवल इसलिए कायम है कि यह संस्कृति आपसी सहमति, भाईचारा और आपसी मेलजोल से निर्मित है। कहा गया है कि हिन्दुस्तानी तहजीब का आधारभूत तत्व विश्व कल्याण है। भारतीय तहजीब के दो विशेष पहलू हैं, ऊपर वाले में आस्था और सभी धर्मों से प्रेम। ऊपर वाले पर विश्वास हिन्दुस्तानी संस्कृति का आंतरिक और धार्मिक सहिष्णुता बाहरी पहलू है। हमारी तहजीब और परंपरा से समाई यह परमात्मा से प्रेम एवं गंगा-जमुनी तहजीब के मिश्रण की मिसाल है।

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सदर बाजार स्थित मदरसा इमदादुल इस्लाम के प्रधानाचार्य मौलाना मशहूदुर्रहमान शाहीन जमाली चतुर्वेदी ने दुआ कराई और मुकद्दस रमजान की मुबारकबाद दी।कारी शफीकुर्रहमान कासमी ने बताया कि वह रोजाना शाम को ऑनलाइन आकर तकरीर करेंगे। रमजान की फजीलत बताएंगे। इसी तरह मौलाना मशहूदुर्रहमान भी ऑनलाइन तकरीर करेंगे। कारी अफ्फान ऑनलाइन कुरान-ए-पाक सुनाएंगे।