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CAA के विरोध में 35 हजार लोगों के हस्ताक्षर का पत्र भेजा चीफ जस्टिस को, पीआईएल दाखिल की मांग Video

Highlights शहर काजी और विभिन्न संगठनों ने कमिश्नर को सौंपा पत्र कहा- भारतीय संविधान के खिलाफ है सीएए, हमारा है विरोध आरोप- सरकार देश में सेक्युलरिज्म को समाप्त करना चाहती है  

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meerut

मेरठ। सीएए (CAA) को लेकर देश भर में चल रहे विरोध करने वालों ने अब दूसरा रास्ता अपना लिया है। अब विरोध के लिए कानून का सहारा लिया जा रहा है। इसके मद्देनजर आज शहरकाजी (Shahar Qazi) के नेतृत्व में कई सामाजिक संगठन (Social Organizations) के पदाधिकारी कमिश्नर कार्यालय पहुंचे। उन्होंने कमिश्नर को 35 हजार लोगों का हस्ताक्षरित प्रार्थना पत्र सौंपते हुए इसे चीफ जस्टिस (Chief Justice) को भेजे जाने की मांग की।

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इसे आधार बनाकर इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल की जा सके। शहरकाजी जैनुलराशिद्दीन ने बताया कि वे सीएए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल करेंगे। शहरकाजी जैनुल राशिद्दीन और ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन के अध्यक्ष एडवोकेट अब्दुल जब्बार खान के साथ आज विभिन्न सामाजिक संगठनों के लोगों के साथ कमिश्नर कार्यालय पहुंचे। उन्होंने कमिश्नर से मिलकर सीएए को संविधान का विरोधी बताते हुए इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल करने की बात कही।

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अब्दुल जब्बार ने कहा क्योंकि हर व्यक्ति का सुप्रीम कोर्ट जाना संभव नहीं है इसलिए वह कमिश्नर को 35 हजार सीएए विरोधी व्यक्तियों का हस्ताक्षरित मेमोरेंडम सौंपकर चीफ जस्टिस से पीआईएल दाखिल करने की मांग कर रहे हैं। शहर काजी ने आरोप लगाया कि इस कानून को लागू करके सरकार देश के सेक्युलरिज्म को समाप्त करने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान में हर मजहब को ध्यान में रखा गया है। सीएस कानून संविधान के खिलाफ है।