
मेरठ। उत्तर प्रदेश की दस राज्यसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को विधायकों ने वोटिंग किया। लेकिन कुछ दलों के विधायकों ने पार्टी द्वारा व्हिप जारी होने के बाद भी क्रांस वोटिंग की। इसमें राष्ट्रीय लोकदल के छपरौली से विधायक सहेन्द्रर भी शामिल हैं। लोकदल के इस विधायक ने भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में वोट किया था। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह ने शनिवार को एक पत्र जारी कर सहेन्द्रर को पार्टी से निष्कासित कर दिया है।
अजीत सिंह ने किया पार्टी निष्कासित
राष्ट्रीय अध्यक्ष अजित सिंह की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि दिनांक 23 मार्च को राज्यसभा चुनाव में पार्टी के निर्देश के विरूद्ध कार्य करने के लिए आपको तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित किया जाता है। बताते चलें कि 2017 के हुए विधानसभा चुनाव में रालोद का गढ कही जाने वाले छपरौली में ही पार्टी अपना वजूद बचा पाई थी। पूरे प्रदेश में छपरौली विधानसभा से ही रालोद प्रत्याशी सहेन्द्रर चुनाव जीतने में कामयाब रहे थे। बागपत रालोद का गढ माना जाता है। कभी देश के प्रधानमंत्री रहे चैधरी चरण सिंह के पुत्र अजित सिंह की पार्टी प्रदेश में दिनों-दिन कमजोर होती चली गई। लेकिन, बागपत में पार्टी ने अपना वर्चस्व कायम रखा था। पिछले चुनावों में रालोद के महासचिव जयंत चैधरी के संसदीय चुनाव हारने के बाद से पार्टी का ग्राफ दिनों-दिन नीचे गिर रहा है।
अजित सिंह ने जारी किया था एकमात्र विधायक के लिए व्हिप
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रशीद मसूद के अनुसार पार्टी अध्यक्ष अजित सिंह ने पार्टी विधायकों के लिए व्हिप जारी कर सपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने के लिए कहा था। लेकिन ऐन समय पर रालोद विधायक सहेन्द्रर भाजपा के पाले में चले गए। इसका पता रालोद अध्यक्ष को लगा तो उन्होंने अपने एकमात्र विधायक को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। वहीं, विधायक सहेन्द्रर से पत्रिका ने बात की तो उनका कहना था कि उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। वह इस बारे में कुछ नहीं कहना चाहते।
Published on:
24 Mar 2018 06:15 pm
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