8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Exclusive- अमेरिकी दल ने जब भारत के मुस्लिमों का देखा यह व्‍यवहार तो तारीफ करते नहीं थके

अमेरिकी दल ने वेस्‍ट यूपी के मेरठ, मुजफ्फरनगर और गाजियाबाद के ग्रामीण क्षेत्रों का किया दौरा

3 min read
Google source verification

मेरठ

image

sharad asthana

Aug 18, 2018

meerut news

Exclusive- अमेरिकी दल ने जब भारत के मुस्लिमों का देखा यह व्‍यवहार तो तारीफ करते नहीं थके

केपी त्रिपाठी, मेरठ। भारत के अलग-अलग हिस्सों में मजहबों के बीच आपसी तालमेल और मेल-मिलाप किस तरह से कायम है, यह जानने के लिए अमेरिका स्थित एलायंस फाॅर ग्लोबल एजुकेशन के तहत में एक दल पश्चिम उत्‍तर प्रदेश के देहात क्षेत्र के दौरे पर आया है। इस दल का नेतृत्व डायेक्टर लारा कर रही हैं।

यह भी पढ़ें:अटल बिहारी वाजपेयी को जब पता चला था नातिन के प्रेम संबंध के बारे में तो उन्‍होंने...

कई जिलों के ग्रामीण क्षेत्र का किया दौरा

अमेरिकी दल ने प्रदेश सहित मेरठ, मुजफ्फरनगर और गाजियाबाद के ग्रामीण क्षेत्र का दौरा किया था। दौरे में उन्‍होंने ऐसे गांवों को छांटा था, जो मिलीजुली आबादी के थे। इसमें हिंदू और मुस्लिम आबादी के मिश्रित लोग रह रहे थे। मेरठ के किठौर क्षेत्र के कई गांवों और सरधना तहसील के कई गांवों का इस दल ने दौरा किया। लारा का कहना है कि इस दौरान उन्होंने आपसी भाईचारे को समझा कि कैसे भारत में कई मजहबों के लोग एक साथ रहते हैं। उनका दल दुनिया के कई मुल्कों में कट्टरपंथी दलों से भी मिला है, लेकिन भारत जैसे देश के बारे में सुन और समझकर वे हैरान हैं कि यहां अनेक धर्मों के लोग होते हुए भी आपसी भाईचारा बरकरार है।

देखें वीडियो: पानी से निकलकर बस्ती में मगरमच्छ घुसा, ग्रामीणों में दहशत

अन्‍य देशों के मुस्लिमों से हैं बेहतर

गांवों का दौरा कर इस दल ने यह माना कि भारत के मुस्लिम दुनिया के अन्य देशों के मुस्लिमों से भिन्न हैं। जो सोच और तस्वीर मुसलमानों के बारे में दुनियां में फैली हुई है, वह भारत की धरती पर आकर कहीं नहीं दिखाई देती है। उनका कहना है क‍ि यह एक अलग बात है कि हर तबके में खुराफाती व गलत मानसिकता के लोग रहते हैं। इनको सही दिशा में लाने की भी सख्त जरूरत है। ग्रामीण क्षेत्र में मंदिर-मस्जिद के बाहर हिंदू व मुस्लिमों के बीच मोहब्बत देखकर अमेरिकी शोध दल के छात्र अचंभित रह गए। विदेशी छात्रों का कहना है कि ये भाईचारा दुनिया में कहीं नहीं देखा जा सकता है।पश्चिमी उप्र के ग्रामीण क्षेत्रों में मस्जिदों में होने वाली नमाज को नजदीक से देखने के बाद बच्चों के लिए होने वाली दुआ के लिए मां-बाप की भीड़ देखकर अमेरिकी छात्र काफी प्रभावित हुए।

यह भी पढ़ें: जैन मुनि की युवती के साथ अब ऐसी वीडियो हुई वायरल, बढ़ सकती है मुश्किल- देखें वीडियो

नमाज से देते हैं लोगों को एकजुटता का संदेश

इस दल ने समझने का प्रयास किया कि इमाम साहेब नमाज पढ़ने के बाद कैसे खुतबा (जुमे में इमाम का भाषण) पढ़ते हैं। नमाज का नजारा किस तरह से लोगों को एकजुट होने का संदेश देता है। लारा बताती हैं कि उनका यह शोध दल बनारस में सेंटर फाॅर हार्मनी एंड पीस के अगुआ मोहम्मद आरिफ से मिला था, जिन्होंने उन्‍हें गंगा-जमुनी सभ्यता को विस्तार से बताया।

यह भी पढ़ें: ईद के दिन एक परिवार ने दी ईदगाह पर आत्मदाह की चेतावनी तो हिंदू संगठनों ने किया ये काम

यहां के मुस्लिम दुनिया के अन्य देशों से अलग

अमेरिकी दल में शामिल क्रिस्टीना, लोगान व गियाना ने कहा कि दुनिया के कई मुस्लिम देशों में दौरा कर चुके हैं, लेकन यहां आकर उन्हें महसूस हुआ कि हिंदुस्तान का मुसलमान दूसरे देशों में रहने वाले मुसलिमों से अलग है। यहां का मुसलमान अमन और सौहार्द के साथ रह रहा है।

देखें वीडियो:शिक्षा को गम्भीरता से लेंगे तो मिलेगी कामयाबी

अमन और सौहार्द पसंद हैं भारत के मुस्लिम

इनका कहना है कि दूसरे देशों के लोग यहां के बारे में क्या सोचते हैं, इससे यहां के मुस्लिमों को कोई फर्क नहीं पड़ता है। यहां के मुसलमान अमन और सौदार्ह के साथ रहते हैं। यह वह देश है, जहां पर सभी मजहब के लोग एक-दूसरे को साथ लेकर चल रहे हैं। हिंदू त्यौहारों पर मुसलमान बधाई देने पहुंचते हैं तो वहीं ईद पर मुसलमानों के घरों में हिंदू आकर ईद की बधाई के साथ ही सेवाइयों का लुत्फ भी लेते हैं। भारत आज दुनिया में सुपर पाॅवर बन सका है तो इसके पीछे हिन्दू-मुस्लिमों का भाईचारा और आपसी मोहब्बत भी कारण है।