
मेरठ। आवास विकास परिषद की नई कालोनी जागृति विहार एक्सटेंशन में मंगलवार को विभागीय अधिकारी ड्रा करवाने के लिए कैंप लगाकर बैठे हुए थे। इसी दौरान भारी संख्या में आसपास के गांव के किसान भी मौके पर पहुंच गए। किसानों ने ड्रा रुकवाते हुए मुआवजे की मांग की। कुछ किसान आसपास बनी बिल्डिगों पर चढ गए। किसानों की मांग थी अगर मुआवजे के मामले में उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वे नीचे कूद जाएंगे। बिल्डिग पर चढे किसानों के हाथ में मिटटी के तेल की बोतलें भी हैं। किसानों के बिल्डिग पर चढ़ने की सूचना से प्रशासन में हड़कंप मच गया। कई थानों का फोर्स मौके पर पहुंच गया, लेकिन किसान नीचे उतरने के लिए तैयार नहीं थे। किसानों का साथ देने के लिए आसपास के गांव के किसानों का जमावड़ा भी शुरू हो गया है। यहां पुलिस फोर्स तैनात है। किसानों से वार्ता के लिए आवास विकास के आलाधिकारी पहुंचे, लेकिन उनकी बात नहीं बनी।
उधर पुलिस की तैयारी बिल्डिंग के चारों ओर जाल लगाने की चल रही है। जागृति विहार एक्सटेंशन में भूमि अधिग्रहण की नई नीति के तहत मुआवजे की मांग को लेकर किसान मंगलवार को मौके पर पहुंच गए। जागृति विहार एक्सटेंशन में आवास विकास ने कैंप लगाया हुआ था। जिसके तहत ड्रा निकाले जाने थे। किसान दिन में 12 बजे के आसपास वहां पहुंचे और पास ही बनी एक बड़ी बिल्डिग में चढ गए। केरोसिन लेकर बिल्डिग पर चढ़े किसानों ने मुआवजा न मिलने पर कूदकर जान देने की धमकी थी। इस पर यहां आवास विकास परिषद, पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारी पहुंचे पर कोई सुलह नहीं हो सकी। किसान नेता रोहित गुर्जर ने बताया कि 2009 में आवास विकास ने काजीपुर, घोसीपुर, सराय काजी आदि गांव की जमीन अधिग्रहित की थी। जिसमें कहा गया था कि ग्रामीणों को एक-एक प्लाट भी दिया जाएगा, लेकिन न तो आज तक प्लाट मिला और न ही मुआवजे की पूरी राशि। 2009 में जमीन की रजिस्ट्री का रेट छह हजार रूपये था। जो आज बढ़कर 22 हजार रूपये हो चुका है। किसान इतना रूपया लाएगा कहां से। हम तो अब मुआवजा लेकर ही जाएंगे। अगर मांगे नहीं मानी गई तो बिल्डिंग से कूदकर किसान जान देगा।
Published on:
24 Sept 2019 03:33 pm
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