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यूपी के तीन करोड लोगों की सांसों पर संकट, हालात खतरनाक; जाने पूरा मामला

यूपी के तीन करोड लोगों की सांसों पर संकट मंडरा रहा है। हालात काफी खतरनाक हैं। वायु प्रदूषण से सबसे बुरी स्थिति मेरठ मंडल के जिलों की है। मेरठ मंडल के गाजियाबाद, नोएडा, बागपत, हापुड, बुलंदशहर और मेरठ में एक्यूआई अभी 200 के पार बना हुआ है।

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मेरठ

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Kamta Tripathi

Oct 26, 2023

NCR Air Quality Index

गाजियाबाद में हाइवे पर छाई प्रदूषण की धुंध।

NCR Air Quality Index: वायु प्रदूषण में हल्का सुधार तो हुआ है। लेकिन दिल्ली से सटे पश्चिम यूपी के जिलों में रहने वाले लगभग तीन करोड़ लोगों की सांसों पर संकट बना हुआ है। वायु प्रदूषण से मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, बुलंदशहर, हापुड और बागपत के हालात अब भी खतरनाक हैं। सबसे खराब वायु प्रदूषण गाजियाबाद, नोएडा और मेरठ में है। इन जिलों में दिन में वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 और शाम के समय 300 के ऊपर पहुंच रहा है।

प्रदूषित जिलों में चारों तरफ धूल और धुआं छाया
एनसीआर के इन प्रदूषित जिलों में चारों तरफ धूल और धुआं छाया हुआ है। इससे बुजुर्ग, सांस की बीमारी से पीड़ित लोग, गर्भवती महिला और बच्चों के लिए अधिक खतरा है। एनसीआर के इन तीन जिलों में सबसे अधिक प्रदूषित हवा है। मेरठ में आज गुरुवार की सुबह वायु प्रदूषण 210 दर्ज किया गया। हालांकि दिन में इसके बढ़ने का अनुमान है। वहीं गाजियाबाद में आज सुबह 8 बजे वायु प्रदूषण 230 और नोएडा में यह 240 तक पहुंच रहा है।

एनसीआर में लागू किया गया ग्रैप अब बेअसर
एनसीआर में लागू किया गया ग्रैप अब बेअसर हो रहा है। पिछले सप्ताह वायु गुणवत्ता में इजाफा होने पर एनसीआर में ग्रैप की स्टेज टू नियमावली लागू की गई थी। जो कि बेअसर साबित हो रही है। चारों ओर धूल और धुआं छाया हुआ है। मेरठ में गंगानगर एयर क्वालिटी मानीटरिंग स्टेशन की रिपोर्ट के अनुसार बुधवार की शाम छह बजे एक्यूआइ 250 दर्ज किया गया। पीएम-2.5 की मात्रा 300 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के खतरनाक स्तर पर पहुंच गई।

सोमवार को मेरठ देश के सबसे प्रदूषित शहरों में नंबर एक पर
सप्ताहभर से एनसीआर के जिलों के हवा की सेहत बिगड़ी हुई है। हालांकि इससे पहले गत सोमवार को मेरठ देश के सबसे प्रदूषित शहरों में नंबर एक पर रहा था। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से सोमवार को जारी 229 शहरों की प्रदूषण सूची में मेरठ का वायु गुणवत्ता सूचकांक 328 दर्ज किया गया था। पर्यावरण विद नवीन प्रधान का कहना है कि तापमान में गिरावट से नमी का स्तर बढ़ता है और हवा की गति कम होने के कारण प्रदूषित के कण हवा की निचली परत पर पहुंचकर चिपक जाते हैं। जिससे वायु गुणवत्ता खराब होती चली जाती है।

अभी हालात और होंगे खराब
नवीन प्रधान ने बताया कि एनसीआर में ग्रैप स्टेज टू लागू होने के बाद भी औद्योगिक और निर्माण इकाइयों पर नियंत्रण नहीं है। जिससे वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि अभी आने वाले दिनों हालात और भयावह हो सकते हैं।


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इस पर जल्द ही सभी विभागों को संयुक्त रूप से काम करने की जरूरत है। वहीं क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी भुवन प्रकाश ने कहा कि 21 अक्टूबर से पूरे एनसीआर में ग्रैप की स्टेज टू लागू हो गई है। पराली जलाने और धूल उड़ाने पर प्रतिबंध लगा हुआ है।