
1985 में मेरठ में अटल बिहारी वाजपेयी की जनसभा का फाइल फोटो
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जनसंघ काल से मेरठ से जुड़ाव रहा। 1985 में अटल बिहारी वाजपेयी ने मेरठ में एक दिन में 15 जनसभाएं की थी। सभी में भीड़ देखकर अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था,'इन 13 सभाओं को मैं भूलने वाला नहीं'।
इससे अच्छा मुझे पैदल ही शहर घुमा दो
राज्यसभा सांसद डा लक्ष्मीकांत बताते हैं कि एक दिन में 13 जनसभाओं की बात सुनकर अटल जी ने कहा था, 'इससे अच्छा होगा मुझे पैदल ही शहर में घुमा देते'। आरएसएस नेता अजय मित्तल उन दिनों कक्षा दस में पढ़ाई करते थे। अजय मित्तल उन दिनों की याद करते हुए बताते हैं कि खेकड़ा में अटल बिहारी वाजपेयी ने भोजन किया था। वहीं पर उन्होंने अपनी मनपसंद खीर भी बनवाई थी।
लालकृष्ण आडवाणी और विजय मल्होत्रा थे साथ
अजय मित्तल उन दिनों की याद करते हुए बताते हैं कि सन 1975 में अटल बिहारी वाजपेयी मेरठ खंदक बाजार में चंपालाल जैन के यहां आए थे। उनके साथ लालकृष्ण आडवाणी, विजय मलहोत्रा थे। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचार प्रमुख अजय मित्तल बताते हैं कि वह दो दिन यहां रुके थे। अजय को चंपालाल जैन ने बुलाया।
अटल जी के हाथ में दो कागज थे, जिसमें एक पर हिंदी और दूसरे पर अंग्रेजी में लिखा हुआ। उन्होंने इसका अनुवाद करने के लिए अजय मित्तल को दिया। अजय ने दस मिनट में अनुवाद कर दे दिया। उन्होंने इसे खुद पढ़ा और आडवाणी को भी पढ़वाया। वह खुश हुए और अजय मित्तल की पीठ थपथपाई।
जब भी आते गजक और गाजर का हलुआ साथ ले जाते
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ राज्यसभा सांसद डा.लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने काफी समय गुजारा। पूर्व मंत्री और सांसद डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी कहते हैं कि जब भी वो मेरठ आए हर बार अपने साथ गजक और गाजर का हलवा लेकर गए।
मेरठ आने पर सुबह का नाश्ता अटल बिहारी वाजपेयी जलेबी और कचौरी के साथ करते थे। देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद भी अटल बिहारी वाजपेयी मेरठी गजक और गाजर का हलुआ मोह नहीं छोड़ सके। उन्होंने कई बार मेरठ की गजक और गाजर का हलुआ मंगाया।
Published on:
24 Dec 2022 07:26 am
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